SSLC Hindi Question and Answer: Mahila ki Sahas Gatha
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Karnataka SSLC Hindi Textbook Answers—Reflections Chapter 13
Mahila ki Sahas Gatha Questions and Answers, Notes, and Summary
Class 10 3rd Language Hindi Chapter 13
Mahila ki Sahas Gatha
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I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
Question 1.
बिछंद्री पाल को कौन-सा गौरव प्राप्त हुआ है?
Answer:
बिछंद्री पाल को एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
Question 2.
बिछंद्री के माता-पिता कौन थे?
Answer:
बिछंद्री के माता हंसादेई नेगी और पिता किशनपाल सिंह थे।
Question 3.
बिछंद्री ने क्या निश्चय किया?
Answer:
बिछंद्री ने निश्चय किया कि वह अपने भाई की तरह पहाड़ों पर चढ़ेगी।
Question 4.
बिछंद्री ने किस ग्लेशियर पर चढ़ाई की?
Answer:
बिछंद्री ने गंगोत्री ग्लेशियर पर चढ़ाई की।
Question 5.
सन् 1983 में दिल्ली में कौन-सा सम्मेलन हुआ था?
Answer:
सन् 1983 में दिल्ली में हिमालय पर्वतारोहियों का सम्मेलन हुआ।
Question 6.
एवरेस्ट पर भारत का झंडा फहराते समय पाल के साथ कौन थे?
Answer:
एवरेस्ट पर भारत का झंडा फहराते समय पाल के साथ पर्वतारोही अंग दोरजी थे।
Question 7.
कर्नल का नाम क्या था?
Answer:
कर्नल का नाम खुल्लर था।
Question 8.
ल्हाटू कौन-सी रस्सी लाया था?
Answer:
ल्हाटू नायलॉन की रस्सी लाया था।
Question 9.
बिछंद्री ने थैले से कौन-सा चित्र निकाला?
Answer:
बिछंद्री ने थैले से माँ दुर्गा का चित्र निकाला।
Question 10.
कर्नल ने बधाई देते हुए बिछंद्री से क्या कहा?
Answer:
कर्नल ने बधाई देते हुए बिछंद्री से कहा कि देश को तुम पर गर्व है।
Question 11.
मेजर का नाम क्या था?
Answer:
मेजर का नाम कुमार था।
Question 12.
बिछंद्री को भारतीय पर्वतारोहण संघ ने कौन-सा पदक देकर सम्मानित किया?
Answer:
बिछंद्री को भारतीय पर्वतारोहण संघ ने स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
Question 1.
बिछंद्री पाल के परिवार का परिचय दीजिए।
Answer:
बिछंद्री का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनपाल सिंह और माता का नाम हंसादेई नेगी था। बिछंद्री पाँच संतानों में तीसरी संतान थीं।
Question 2.
बिछंद्री का बचपन कैसे बीता?
Answer:
बिछंद्री का बचपन संघर्षमय था। वे पाँच किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाती थीं। उन्होंने सिलाई सीखी और पढ़ाई का खर्चा खुद ही उठाया।
Question 3.
बिछंद्री ने पर्वतारोहण के लिए किन-किन चीजों का उपयोग किया?
Answer:
बिछंद्री ने बर्फ काटने के लिए फावड़े का इस्तेमाल किया। चढ़ाई के लिए नायलॉन की रस्सी और ऑक्सीजन सिलेंडर का भी उपयोग किया।
Question 4.
एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर बिछंद्री ने क्या किया?
Answer:
एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर बिछंद्री ने अपने लिए एक जगह बनाई। वे घुटनों के बल बैठ गईं और बर्फ को माथे से छुआ। फिर उन्होंने माँ दुर्गा और हनुमान चालीसा का पाठ किया।
III. चार-पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए:
Question 1.
बिछंद्री ने पहाड़ पर चढ़ने की तैयारी किस प्रकार की?
Answer:
बिछंद्री ने चढ़ाई के लिए दो दल बनाए। सुबह हल्का नाश्ता करने के बाद वे साढ़े पाँच बजे तंबू से निकल पड़ीं। अंग दोरजी के साथ उन्होंने बिना रस्सी के चढ़ाई शुरू की। फावड़े से जमी हुई बर्फ काटी। नायलॉन की रस्सी और ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से कठिन चढ़ाई आसान की।
Question 2.
दक्षिणी शिखर पर चढ़ते समय बिछंद्री के अनुभव के बारे में लिखिए।
Answer:
बिछंद्री ने अंग दोरजी के साथ सुबह चढ़ाई शुरू की। शुरुआत में बिना रस्सी के चढ़ाई की। बर्फ काटने के लिए फावड़े का इस्तेमाल किया। दक्षिणी शिखर पर तेज हवा बर्फ के कण उड़ा रही थी। बिछंद्री को लगा कि सफलता बहुत नजदीक है।
Question 3.
प्रस्तुत पाठ से क्या संदेश मिलता है?
Answer:
पाठ से हमें साहस, दृढ़-निश्चय और अथक परिश्रम का महत्व समझ में आता है। यह भी पता चलता है कि महिलाएँ भी किसी से कम नहीं होतीं। हमें सिखाया जाता है कि धैर्य और लगन से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
IV. अनुरूपता :
- बचेंद्री पाल : पर्वतारोहण :: लता मंगेशकर : गायन
- 1984 : एवरेस्ट आरोहण :: 1954 : बचेंद्री पाल का जन्म
- बी.एड. : अध्यापिका :: एम.ए. : प्राध्यापिका (Professor/Lecturer)
- हिम्मत : साहस :: जज़्बा : लगन
V. रिक्त स्थान भरिए :
- बचेंद्री का जन्म एक साधारण भारतीय परिवार में हुआ था.
- एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव प्राप्त है.
- बचेंद्री के बड़े भाई को पहाड़ों पर जाना अच्छा लगता था.
- बचेंद्री ने नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग से पर्वतारोहण का कोर्स पूरा किया.
- ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बचेंद्री पाल की भेंट उनके गुरु से हुई.
VI. कन्नड़ या अंग्रेज़ी में अनुवाद कीजिए :
- बचेंद्री का जन्म एक साधारण भारतीय परिवार में हुआ था।
- Kannada: ಬಚೇಂದ್ರಿ ಸಾಮಾನ್ಯ ಭಾರತೀಯ ಕುಟುಂಬದಲ್ಲಿ ಜನಿಸಿದರು.
- English: Bachendri was born into an ordinary Indian family.
- एवरेस्ट आरोहण की बात को सुनकर बचेंद्री बहुत खुश हुई।
- Kannada: ಎವರೆಸ್ಟ್ ಏರುವ ವಿಷಯವನ್ನು ಕೇಳಿ ಬಚೇಂದ್ರಿ ತುಂಬಾ ಸಂತೋಷಪಟ್ಟರು.
- English: Bachendri was very happy to hear about the Everest ascent.
- उन्होंने सिलाई का काम सीख लिया।
- Kannada: ಅವರು ಹೊಲಿಗೆ ಕೆಲಸವನ್ನು ಕಲಿತರು.
- English: She learned tailoring.
VII. अन्य वचन रूप लिखिए :
- महिला – महिलाएँ
- बहन – बहनें
- चोटी – चोटियाँ
- पर्वतारोही – पर्वतारोही (remains same)
- परिवार – परिवार (remains same)
- पहाड़ – पहाड़ (remains same)
- भाई – भाई (remains same in plural for some contexts, or भाइयों)
- संतान – संतानें
- किलोमीटर – किलोमीटर (remains same)
- इंस्टीट्यूट – इंस्टीट्यूट (remains same)
- दल – दल (remains same)
- गुरु – गुरु (remains same)
VIII. विलोम शब्द लिखिए :
- जन्म × मृत्यु
- साधारण × असाधारण
- बड़ा × छोटा
- खुशी × दुःख
- खुश × नाखुश
- हाँ × ना
- आगे × पीछे
- लेना × देना
- सफलता × असफलता
- अवसर × अनवसर
भाषा ज्ञान – विशेषण (Language Knowledge – Adjectives) विशेषण (Adjective):
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। जैसे:
- गुणवाचक विशेषण: अच्छा, बुरा, काला, पीला, छोटा, बड़ा, सच्चा, झूठा, ईमानदार आदि।
- संख्यावाचक विशेषण: पाँच, दस, कुछ, सब, अनेक, कम, ज़्यादा आदि।
- परिमाणवाचक विशेषण: दो किलो, चार लीटर, थोड़ा, बहुत, कम, ज़्यादा आदि।
- सार्वनामिक विशेषण: यह, वह, ऐसा, वैसा, जैसा, मेरा, तुम्हारा आदि।
I. इन वाक्यों में से विशेषण शब्दों को चुनकर लिखिए :
- बचेंद्री का जन्म एक साधारण भारतीय परिवार में हुआ था.
- बचेंद्री के बड़े भाई को पहाड़ों पर जाना अच्छा लगता था.
- नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग में एक उपाध्यक्ष था.
- बचेंद्री बहुत खुश हुई।
- बचेंद्री ने कठोर परिश्रम किया.
- वह एक सच्चा विद्यार्थी था।
- मुझे तीन पुस्तकें चाहिए।
- कुछ विद्यार्थी कक्षा में हैं।
- यह मेरा मकान है।
- कैसा विद्यार्थी है?
II. विशेषण शब्दों से वाक्य बनाइए :
- ईमानदार: राम एक ईमानदार लड़का है।
- सच्चा: वह मेरा सच्चा दोस्त है।
- गहरा: मुझे गहरा दुःख हुआ।
- कठोर: उसने कठोर परिश्रम किया।
- भारतीय: मैं एक भारतीय नागरिक हूँ।
- बड़ा: यह एक बड़ा पेड़ है।
- अनेक: सभा में अनेक लोग आए थे।
- पांच: मेरे पास पांच किताबें हैं।
महिला की साहस गाथा [Mahila ki Sahas Gatha] Summary
पाठ का आशय:
इस पाठ से हमें साहस, दृढ़ निश्चय, कठिन परिश्रम और मुश्किलों का सामना करने जैसे आदर्श गुणों की सीख मिलती है। इसमें हिमालय की ऊँची चोटियों के बारे में भी जानकारी मिलती है। पाठ यह सिद्ध करता है कि मेहनत का फल हमेशा अच्छा होता है।
पाठ का सारांश:
बिछेंद्री पाल को एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव प्राप्त हुआ। उनके पिता का नाम किशनपाल सिंह और माता का नाम हंसादेई नेगी था। बचपन में ही उन्होंने अपने भाई को देखकर पहाड़ों पर चढ़ने की आदत बना ली। उन्होंने पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। वे पाँच किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाती थीं और बाद में संस्कृत में एम.ए. और बी.एड. की पढ़ाई की।
बिछेंद्री ने अपने लक्ष्य के लिए ‘कालानाग’ पर्वत की चढ़ाई की और 1982 में ‘गंगोत्री ग्लेशियर’ और ‘रूड गेरो’ पर भी चढ़ाई की। अगस्त 1983 में वे दिल्ली में पर्वतारोहण सम्मेलन में शामिल हुईं, जहाँ उनकी मुलाकात तेनजिंग नोर्गे से हुई।
एवरेस्ट पर चढ़ाई का अनुभव बहुत कठिन था। कर्नल खुल्लर के साथ उन्होंने दक्षिण कोल तक की चढ़ाई सुबह ही शुरू कर दी। बिछेंद्री ने अंग दोरजी के साथ बिना रस्सी के चढ़ाई की और बर्फ को फावड़े से काटकर रास्ता बनाया। दो घंटे बाद वे शिखर कैंप पहुँचीं। फिर चाय पीने के बाद रस्सी के सहारे चढ़ाई जारी रखी। ल्हाटू ने नायलॉन की रस्सी और ऑक्सीजन की मदद की। दक्षिणी शिखर पर पहुँचने पर तेज हवा और बर्फ के कणों ने रास्ता मुश्किल कर दिया, लेकिन बिछेंद्री ने हार नहीं मानी।
23 मई 1984 को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर बिछेंद्री एवरेस्ट पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने बर्फ को माथे से लगाकर पूजा की और फोटो खिंचवाए। कर्नल खुल्लर ने ‘देश को तुम पर गर्व है’ कहकर उनकी सराहना की। 43 मिनट तक वे शिखर पर रहीं। इस सफलता के लिए बिछेंद्री को भारतीय पर्वतारोहण संघ का स्वर्ण पदक, पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार मिले।