SSLC Hindi Question and Answer: Bal Shakti
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Karnataka SSLC Hindi Textbook Answers—Reflections Chapter 16
Bal Shakti Questions and Answers, Notes, and Summary
Class 10 3rd Language Hindi Chapter 16
Bal Shakti
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I. एक वाक्य में उत्तर दीजिए:
Question 1:
कंचे कौन खेल रहे थे?
Answer:
रामू और श्यामू कंचे खेल रहे थे।
Question 2:
खेल में कौन हमेशा धोखाधड़ी करता है?
Answer:
रामू खेल में हमेशा बेईमानी करता है।
Question 3:
रामू को स्कूल जाने के लिए किसने कहा?
Answer:
मोहन ने रामू को स्कूल जाने के लिए कहा।
Question 4:
रामू ने किस विषय का गृहकार्य नहीं किया था?
Answer:
रामू ने गणित का गृहकार्य पूरा नहीं किया था।
Question 5:
अच्छी आदतें हमें किस उम्र में अपनानी चाहिए?
Answer:
हमें 12 वर्ष की आयु में अच्छी आदतें अपनानी चाहिए।
Question 6:
रामू को टोली में शामिल करने की जिम्मेदारी किसने ली?
Answer:
संजय ने रामू को टोली में लाने की जिम्मेदारी ली।
Question 7:
टोली का नेतृत्व किसने किया?
Answer:
टोली का मुखिया मोहन बना।
Question 8:
बच्चों की प्रशंसा किसने की?
Answer:
कलेक्टर साहब ने बच्चों की प्रशंसा की।
II. दो–तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए:
Question 1:
रामू की कौन-कौन सी बुरी आदतें थीं?
Answer:
रामू में झूठ बोलने, बेईमानी करने और समय पर गृहकार्य न करने जैसी बुरी आदतें थीं।
Question 2:
बच्चे गाँव के लिए क्या कार्य करते हैं?
Answer:
बच्चे गाँव की सफाई के लिए एकत्रित हुए। उन्होंने स्कूल और गाँव की सफाई का निर्णय लिया तथा कूड़ा डालने के लिए एक निश्चित स्थान बनाने की योजना बनाई।
Question 3:
गाँव को आदर्श कैसे बनाया जा सकता है?
Answer:
गाँव को आदर्श बनाने के लिए सभी लोगों को शिक्षित होना और मिल-जुलकर काम करना आवश्यक है।
Question 4:
कलेक्टर साहब ने बच्चों की तारीफ में क्या कहा?
Answer:
कलेक्टर साहब ने कहा कि बच्चों ने मिलकर गाँव को साफ-सुथरा बनाया जिससे गाँव का वातावरण नया जीवन पा गया, और उनकी प्रशंसा जितनी भी हो कम है।
Question 5:
पाँच हजार रुपये मिलने पर मोहन ने क्या सोचा?
Answer:
मोहन ने सोचा कि इन पैसों को प्रधानाध्यापक को देना चाहिए ताकि वे गरीब बच्चों के लिए पुस्तकालय में नई किताबें ला सकें।
III. मिलान कीजिए:
- बेईमानी करने वाला — रामू
- टोली का नाम — बाल-शक्ति
- इनाम की राशि — पाँच हजार
- टोली का मुखिया — मोहन
- ये गाँव के सपूत हैं — बुजुर्ग
IV. खाली जगह भरिए:
- रामू और श्यामू कंचे खेल रहे थे।
- गणित की कॉपी घर पर भूल आया हूँ।
- अभी से अच्छी आदतें डालनी चाहिए।
- रामू की बुरी आदतें छुडाएँगे।
- रोज एक घंटा गाँव की सफाई में लगाएँगे।
- कूड़ा डालने के लिए एक निश्चित जगह बनाएँगे।
- आपका गाँव एक आदर्श गाँव बन गया है।
V. शब्द–श्रृंखला बनाइए:
बालक – कलम – महिना – नाव – वजन
गाँव – वन – नाम – मकान – नगद
टोली – लीन – नमन – नजर – रहम
फलदार – रकम – मानव – वसंत – तरकश
इनाम – मजेदार – रथ – थकान – नाम
VI. विलोम शब्द लिखिए:
रात × दिन
आदि × अनादि
आयात × निर्यात
आय × व्यय
उल्टा × सीधा
हानि × लाभ
तोड़ × जोड़
थोड़ा × ज्यादा
उतार × चढ़ाव
VII. ‘बेईमानी’ ईमानी का विलोम शब्द है।
‘ईमानी’ शब्द से पहले ‘बे’ प्रत्यय जोड़ने से यह शब्द बना है। इसी तरह अप, अन, कु, बद उपसर्गों (प्रत्यय) को जोड़कर पाँच-पाँच शब्द बनाइए।
न’ को अंतिम अक्षर के रूप में प्रयोग कर शब्द बनाइए:
नमूना: जन, मन
धन, तन, जन, धन, बन, फन
सुन, वन, बुने, ऊन, शान, गान
I. व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञाएँ पहचानिए:
व्यक्तिवाचक संज्ञा | जातिवाचक संज्ञा |
श्यामू, | मुखिया, |
II. धातु और क्रिया जोड़िए:
- कमीज – फाड़ना
- पेड़ – लगाना
- रुपया – गिनना
- कंचा – मारना
- गुस्सा – छोड़ना
- सच – बोलना
- बात – मानना
- कूड़ा – फेंकना
विशेष सूचना: ‘क्रिया’ का मूल रूप ‘धातु’ कहलाता है।
III. इस नाटक में प्रयुक्त संयुक्त क्रियाओं की सूची बनाइए:
(जैसे – खेलना लगा, बन गया)
- खेलने लगा
- बन गया
- बोल पड़ा
- छूट गया
- पकड़ लिया
बाल-शक्ति [Bal Shakti] Summary
लेखक परिचय:
जगतराम आर्य का जन्म हिमाचल प्रदेश के ऊना में 16 दिसंबर 1910 को हुआ था। उन्होंने निकट के डी.ए.वी. स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। वे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े रहे और अमर शहीद भगत सिंह के साथ कई क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थे। 4 अगस्त 1993 को उनका निधन हुआ।
पाठ का आशय:
यह नाटिका कुछ बच्चों की संगठित शक्ति और उनके अच्छे संस्कारों की कहानी है। बच्चे मिलकर न केवल अपनी बुरी आदतों को छोड़ते हैं, बल्कि अपने गाँव को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने का भी प्रयास करते हैं।
पाठ का सारांश:
रामू और श्यामू कंचा खेलते समय झगड़ पड़ते हैं। हारने पर रामू झूठ बोलता है। मोहन बीच-बचाव करता है। रामू स्कूल नहीं जाता क्योंकि उसने गणित का गृहकार्य नहीं किया था। मोहन उसे समझाने की कोशिश करता है, लेकिन रामू कंचे खेलने में व्यस्त रहता है।
दूसरे दृश्य में बच्चे रामू के व्यवहार पर चिंता जताते हैं। श्यामू कहता है कि हमें इस उम्र में अच्छी आदतें बनानी चाहिए। वे रामू को सुधारने के लिए एक टोली बनाते हैं, जिसका नाम ‘बाल-शक्ति’ रखते हैं। टोली के उद्देश्य में नियमित स्कूल जाना, गाँव की सफाई, पेड़ लगाना, और कूड़ा डालने के लिए जगह तय करना शामिल होता है। मोहन टोली का मुखिया होता है।
एक साल बाद गाँव में बड़ी सभा होती है, जहाँ कलेक्टर साहब गाँव की साफ-सफाई देखकर प्रसन्न होते हैं और बाल-शक्ति की प्रशंसा करते हुए पाँच हजार रुपये का इनाम देते हैं। मोहन इस इनाम को प्रधानाध्यापक को गरीब बच्चों के लिए पुस्तकालय की व्यवस्था करने के लिए दे देता है। गाँव के बुजुर्ग बच्चों को सच्चे सपूत कहते हैं और सभी बाल-शक्ति की जयकार लगाते हैं।