SSLC Hindi Question and Answer: Soor Shyam
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Karnataka SSLC Hindi Textbook Answers—Reflections Chapter 14
Soor Shyam Questions and Answers, Notes, and Summary
Class 10 3rd Language Hindi Chapter 14
Soor Shyam
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I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:
Question 1.
सूर-श्याम पद के रचयिता कौन हैं?
Answer:
सूर-श्याम पद के रचयिता सूरदास जी हैं।
Question 2.
कृष्ण किसकी शिकायत करता है?
Answer:
कृष्ण अपने भाई बलराम की शिकायत करता है।
Question 3.
यशोदा और नंद का वर्ण कैसा था?
Answer:
यशोदा और नंद दोनों का रंग गोरा था।
Question 4.
कौन हँसते हुए चुटकी बजाते हैं?
Answer:
कृष्ण के ग्वाल मित्र चुटकी बजाकर हँसते हैं।
Question 5.
यशोदा किसकी सौगंध खाती है?
Answer:
यशोदा गोधन की सौगंध खाती है।
Question 6.
कृष्ण अपनी शिकायत किससे करता है?
Answer:
कृष्ण अपनी माता यशोदा से शिकायत करता है।
Question 7.
बलराम किसे खरीदा हुआ बताता है?
Answer:
बलराम कृष्ण को मोल लिया हुआ बताता है।
Question 8.
कृष्ण का वर्ण कैसा है?
Answer:
कृष्ण का वर्ण श्याम (काला) है।
II. दो–तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
Question 1.
कृष्ण बलराम के साथ खेलने क्यों नहीं जाता?
Answer:
बलराम उसे बार-बार ताना मारता है कि वह खरीदा गया बच्चा है। वह उसका रंग-रूप और माता-पिता को लेकर चिढ़ाता है, जिससे कृष्ण को दुख होता है और वह खेलने नहीं जाता।
Question 2.
बलराम कृष्ण के माता-पिता के बारे में क्या कहता है?
Answer:
बलराम कहता है कि नंद और यशोदा तो गोरे हैं, फिर कृष्ण काला क्यों है? वह उसे चिढ़ाता है कि उसके असली माता-पिता कोई और हैं।
Question 3.
कृष्ण यशोदा से क्यों नाराज होता है?
Answer:
कृष्ण को लगता है कि माँ हमेशा उसे ही डाँटती है, जबकि बलराम की शिकायतें अनदेखी कर देती है।
Question 4.
कृष्ण अपनी माँ से कौन-कौन सी शिकायत करता है?
Answer:
कृष्ण कहता है कि बलराम उसे चिढ़ाता है, कहता है कि वह मोल लिया हुआ है। बलराम की बातों पर उसके मित्र भी हँसते हैं और माँ केवल उसी को डाँटती है, बलराम को कुछ नहीं कहती।
Question 5.
यशोदा कृष्ण के गुस्से को कैसे शांत करती है?
Answer:
यशोदा कहती है कि बलराम तो जन्म से ही शरारती है। वह गोधन की कसम खाकर कहती है कि वही उसकी माँ है और कृष्ण उसका ही बेटा है।
III. चार–छः वाक्यों में उत्तर लिखिए:
Question 1.
पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:
कृष्ण अपनी माँ से शिकायत करता है कि भाई उसे बहुत चिढाता है कि यशोदा माँ ने उसे जन्म नहीं दिया है बल्कि मोल लिया है। इसी गुस्से के कारण कृष्म बलराम के साथ खेलने नहीं जाता। वह बार बार कृष्ण से पूछता है कि उसके माता पिता कौन हैं ? नंद और यशोदा तो गोरे हैं लेकिन उसका रंग क्यों काला है ? बलराम की ऐसी हँसी-मजाक सुनकर कृष्ण को सब ग्वाला मित्र चुटकी बजा-बजाकर हँसते हैं। उन्हें बलराम ने ही ऐसा करना सिखाया है। कृष्ण माँ से कहता है कि माँ सिर्फ उसी को ही मारना सीखी है। वह कभी भाई पर गुस्सा नहीं करती। कृष्ण के क्रोधित मुख और बातों को सुनकर यशोदा माता खुश हो जाती है। वह कृष्ण को समाधान करती है कि बलराम जन्म से दृष्ट है। गोधन की कसम, वह ही कृष्ण की माता और कृष्ण उसका पुत्र है।
IV. पद्यांश पूर्ण कीजिए:
Question 1.
गोरे नंद ……………………… सरीर।
………………………….. बलबीर।।
Answer:
गोरे नंद जसोदा गोरी, तुम कत स्याम सरीर।
चुटकी है है हँसत ग्वाल सब सिखे देत बलबीर।।
Question 2.
सुनहु कान्ह ………………………।
………………………… तू पूत।।
Answer:
सुनहु कन्ह बलभद्र चबाई, जनमत की हो धूत।
सूर स्याम मोहि गोधन की सौ, हैं माता तू पूत।।
V. अनुरूपता:
बलभद्र : बलराम :: कान्ह : कृष्ण
जसोदा : माता :: नंद : पिता
रिझता : मोहित होना :: खिजाना : चिढ़ाना
बलबीर : बलराम :: जसोदा : यशोदा
VI. जोडकर लिखिए:
अ | ब |
सूरदास का जन्म | सन् 1540 को हुआ |
सगुण भक्तिधारा की | कृष्ण भक्ति शाखा |
उत्तर प्रदेश का रुनकता | सूर का जन्मस्थान |
सूरदास जी की मृत्यु | सन् 1642 को हुई |
VII. सही शब्द चुनकर लिखिए:
- जसोदा – गोरी
- कृष्ण – श्याम
- ग्वाल मित्र – चुटकी
- बलराम – चुगलखोर
- कृष्ण की – बाल-लीला
VIII. आधुनिक रूप लिखिए:
- मैया – माता
- मोहिं – मुझे
- मोसों – मुझसे
- रीझ – प्रसन्न होना
- सरीर – शरीर
- सिखै – सिखाना
- जसुमति – यशोदा
- धूत – शरारती
- कान्ह – कृष्ण
- पूत – पुत्र
- जनमत – जन्म से
सूर–श्याम [Soor Shyam] Summary
सूर-श्याम कवि परिचय:
सूरदास जी हिन्दी साहित्य में कृष्णभक्ति शाखा के प्रमुख कवि थे। इनका जन्म सन् 1540 में उत्तर प्रदेश के रुनकता गाँव में हुआ था। ‘सूरसागर’ और ‘साहित्यलहरी’ इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। सन् 1642 में इनका निधन हुआ। इनके काव्य में वात्सल्य, श्रृंगार और भक्ति का अद्भुत संगम है।
पद का आशय:
बच्चे सरल और भोले होते हैं, वे अपनी छोटी-छोटी समस्याएँ माता-पिता से कहते हैं। यही सच्चा स्नेह और पारिवारिक जीवन का चित्रण सूरदास जी ने इस पद में प्रस्तुत किया है।
पद का सारांश:
सूरदास जी ने इस पद में कृष्ण की भोली बाल-लीलाओं को चित्रित किया है। कृष्ण अपनी माँ यशोदा से बलराम की शिकायत करता है कि बलराम उसे बार-बार चिढ़ाता है। उसके ग्वाल मित्र भी उसे चिढ़ाते हैं और उसकी माँ हमेशा उसी को डाँटती है। माँ यशोदा उसकी इस नादानी पर मुस्कराकर कहती है कि वह स्वयं कृष्ण की जननी है और बलराम जन्म से ही शरारती है। इस प्रकार इस पद में माँ-बेटे का स्नेहपूर्ण संवाद अत्यंत मार्मिक ढंग से उकेरा गया है।
अगर चाहो, तो इसमें और सरल भाषा या किसी विशेष शैली में बदलाव कर दूँ!