SSLC Hindi Question and Answer: Robot
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Karnataka SSLC Hindi Textbook Answers—Reflections Chapter 12
Robot Questions and Answers, Notes, and Summary
Class 10 3rd Language Hindi Chapter 12
Robot
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I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
Question 1.
वर्षों से सक्सेना परिवार में कौन काम कर रहा था?
Answer:
साधोराम वर्षों से सक्सेना परिवार में काम कर रहा था.
Question 2.
धीरज सक्सेना किस कार्यालय में जा पहुँचे?
Answer:
धीरज सक्सेना ‘रोबोटोनिस्स कॉरपोरेशन’ के कार्यालय में जा पहुँचे.
Question 3.
एक रोबोट वैक्यूम क्लीनर से क्या साफ कर रहा था?
Answer:
एक रोबोट वैक्यूम क्लीनर से दफ्तर के फर्श को साफ कर रहा था.
Question 4.
रोबोज़िल की मुलाकात किससे हुई?
Answer:
रोबोज़िल की मुलाकात रोबोदीन से हुई.
Question 5.
शर्मा परिवार के कुत्ते का नाम लिखिए।
Answer:
शर्मा परिवार के कुत्ते का नाम झबरू था.
Question 6.
रोबोज़िल और रोबोदीन किससे मिलने गए?
Answer:
रोबोज़िल और रोबोदीन कंपनी के मालिक रोबोजीत से मिलने गए.
Question 7.
वैज्ञानिक लेखक का नाम लिखिए।
Answer:
वैज्ञानिक लेखक का नाम आइजक असिमोव था.
II. दो–तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
Question 1.
साधोराम को क्या हुआ था?
Answer:
साधोराम को एक दिन चलती बस से गिरने के कारण खतरनाक चोट आ गई थी. उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.
Question 2.
धीरज सक्सेना को बुद्धिमान रोबोट की ज़रूरत क्यों थी?
Answer:
धीरज सक्सेना को बुद्धिमान रोबोट की ज़रूरत अपने नाती-पोतों का होमवर्क कराने और वर्ड प्रोसेसर पर अपना काम संभालने के लिए थी.
Question 3.
रोबोदीन ने रोबोज़िल से क्या कहा?
Answer:
रोबोदीन ने रोबोज़िल से कहा कि सक्सेना परिवार में उसके आने से पहले साधोराम काम करता था, जो एक बस दुर्घटना में घायल होकर अस्पताल में है. उसने यह भी बताया कि धीरज सक्सेना साधोराम की छुट्टी करने वाले हैं.
Question 4.
रोबोज़िल ने रोबोजीत को क्या समझाने की कोशिश की?
Answer:
रोबोज़िल ने रोबोजीत को समझाने की कोशिश की कि किसी इंसान को नुकसान पहुँचाना रोबोटिक्स के नियमों के खिलाफ है और यह मानवीय नज़रिए से भी गलत है.
Question 5.
कहानी को टाइप करते समय रोबोज़िल को क्या हुआ?
Answer:
कहानी को टाइप करते समय रोबोज़िल की धात्विक और तारों से भरी खोपड़ी में यकायक नीली रोशनी हो गई, मानो उसे एक नया विचार आ गया हो.
III. पाँच–छः वाक्यों में उत्तर लिखिए :
Question 1.
धीरज सक्सेना ने घरेलू कामकाज के लिए रोबोट रखने का निर्णय क्यों लिया?
Answer:
साधोराम, जो वर्षों से सक्सेना परिवार में काम कर रहा था, एक दिन चलती बस से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. सक्सेना परिवार बड़ा था, और साधोराम के अस्पताल पहुँच जाने से सभी की तकलीफें बढ़ गईं. धीरज सक्सेना से परिवारवालों का यह दुःख नहीं देखा गया. तभी परिवार के मुखिया के नाते उन्होंने घरेलू कामकाज के लिए एक बुद्धिमान रोबोट रखने का फैसला किया.
Question 2.
रोबोज़िल और रोबोदीन की मुलाकात का वर्णन कीजिए।
Answer:
रोबोज़िल रोज़ शाम को अपने पालतू कुत्ते शेरू को टहलाने के लिए ले जाता था. एक दिन उसकी मुलाकात रोबोदीन से हुई, जो उसी मोहल्ले में रहने वाले शर्मा परिवार के कुत्ते झबरू को टहलाने आता था. दोनों रोबोटों के बीच दोस्ती हो गई, और शेरू तथा झबरू भी आपस में हिल-मिल गए. एक दिन बातों-बातों में रोबोदीन ने रोबोज़िल को बताया कि उससे पहले सक्सेना परिवार में साधोराम काम करता था, जो एक बस दुर्घटना में घायल होकर अस्पताल में है, और अब धीरज सक्सेना उसे नौकरी से निकालने वाले हैं.
Question 3.
विज्ञान कथा का सार लिखिए।
Answer:
विज्ञान कथा में एक नौकर को, जो किसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित था, घर से निकालकर उसकी जगह एक रोबोट को रख दिया जाता है. किसी तरह रोबोट को इस बात की जानकारी मिल जाती है तो वह ‘रोबोटिक संघ’ से संपर्क साधकर संघ को सारी बातें बताता है. संघ रोबोटों की हड़ताल की घोषणा कर देता है. अंततः समझौता इस बात पर होता है कि उस नौकर को घर में फिर से रख लिया जाएगा.
Question 4.
रोबोटिक कंपनियों के मालिकों के बीच हलचल क्यों मच गई?
Answer:
रोबोज़िल और रोबोदीन ने ‘रोबोटोनिस्स कॉरपोरेशन’ के दफ्तर में जाकर कंपनी के मालिक रोबोजीत से भेंट की और सारी बातें विस्तार से समझाईं. संघ ने रोबोटिक कंपनियों के काम करने वाले रोबोटों की हड़ताल का आह्वान कर दिया. इस आह्वान से रोबोटिक कंपनियों के मालिकों के बीच हलचल मच गई. उन्होंने रोबोजीत पर सक्सेना परिवार के साथ हुए अनुबंध को तुरंत रद्द करने का दबाव डाला.
IV. निम्नलिखित कारकों को चुनकर लिखिए :
(का, के, में, से, की)
- वर्ष 2030 का नवंबर का महीना था.
- आप साधारण रोबोट से भी काम चला सकते हैं.
- रोबोज़िल घर में आ जाने से सभी ने राहत की साँस ली.
- रोबोटों की हड़ताल की घोषणा हुई.
- संघ को यह बात मानने में कोई आपत्ति नहीं थी.
V. जोड़कर लिखिए :
- यह सुनकर काउंटर पर – बैठा रोबोट बोला.
- मगर, रोबोदीन, यह तो – रोबोटिक्स के नियम के विरुद्ध है.
- शाम को रोबोज़िल – और रोबोदीन मिले.
- दोनों के बीच कुछ – गुप्त मंत्रणा हुई.
- सक्सेना परिवार रोबोज़िल को – पाकर फूला नहीं समा रहा था.
VI. अन्य वचन रूप लिखिए :
- बेटा – बेटे
- नाती – नाती (remains same)
- कुत्ता – कुत्ते
- छुट्टी – छुट्ठियाँ
- बेटियाँ – बेटी
- पोता – पोते
- कंपनीयाँ – कंपनी
- नौकरियाँ – नौकरी
VII. अनुरूपता :
- शेरू को टहलाना : रोबोज़िल :: झबरू को घुमाना : रोबोदीन.
- मुखिया : धीरज सक्सेना :: सेवक : साधोराम.
- टस से मस न होना : अटल रहना :: फूले न समाना : बहुत खुश होना
भाषा ज्ञान (Language Knowledge) मुहावरे (Idioms):
जो वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है, वह मुहावरा कहलाता है. उदाहरण :
- आँखें चुराना – अपने आप को छिपाना.
- आँखें दिखाना – धमकाना, डराना, गुस्सा करना.
- अक्ल का अंधा – मूर्ख.
- आस्तीन का साँप – कपटी मित्र.
- कान भरना – चुगली करना.
I. उदाहरण के अनुसार मुहावरे लिखिए:
- शरीर के अंगों से संबंधित – उदा. अँगूठा दिखाना – साफ इनकार करना.
- अंकों से संबंधित – उदा. नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना
II. मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
- आँख खुलना – होश आना / सच्चाई पता चलना। वाक्य: जब उसने धोखा खाया, तब उसकी आँखें खुलीं।
- ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना। वाक्य: तुम तो आजकल ईद के चाँद हो गए हो, कभी दिखते ही नहीं।
- कान खड़े होना – चौकन्ना होना / सावधान होना। वाक्य: ज़रा सी आहट सुनते ही हिरण के कान खड़े हो गए।
- हवा से बातें करना – बहुत तेज़ दौड़ना। वाक्य: नया घोड़ा तो हवा से बातें करता है।
- बात का धनी – वादे का पक्का होना। वाक्य: वह आदमी बात का धनी है, जो कहता है वही करता है।
III. मुहावरों को सही अर्थ के साथ जोड़कर लिखिए ):
- राहत की साँस लेना – चैन की साँस लेना / तसल्ली करना.
- पेट पर लात मारना – नौकरी या सहूलियत छीनना.
- टस से मस न होना – विचलित न होना.
- फूला न समाना – बहुत खुश होना.
- आँच आना – हानि पहुँचना.
- अँगूठा दिखा देना – वक़्त आने पर इनकार कर देना.
- हलचल मचाना – शोर मचाना.
- हाथों के तोते उड़ना – आश्चर्यचकित होना.
IV. निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य पूरा कीजिए :
(साँस रोके हुए, नौ दो ग्यारह हो जाना, गुस्सा हवा हो जाना, चिंगारियाँ सुलगना, दाँतों तले उँगली दबाना, भूचाल आ जाना)
- मास्टर साहब की आँखों में चिंगारियाँ सुलग रही थीं।
- मालिक को देख ड्राइवर का गुस्सा हवा हो गया।
- अपने सामने शेर को देख मैं काफी देर तक साँस रोके हुए खड़ा रहा।
- अध्यापिका की अनुपस्थिति में बच्चों ने कक्षा में इतना शोर मचा रखा था, ऐसा लग रहा था, मानो कक्षा में भूचाल आ गया हो।
- एक व्यक्ति को अपने मुँह से ट्रक खींचते देख हम दाँतों तले उँगली दबाकर रह गए।
- बिल्ली को सामने से आता देख चूहा नौ दो ग्यारह हो गया।
रोबोट [Robot] Summary
कहानी 2030 के नवंबर की है। वर्षों से सक्सेना परिवार में काम कर रहा साधोराम एक दिन बस से गिरकर चोटिल हो गया। इस घटना से सक्सेना परिवार के घरेलू कामों में दिक्कतें आ गईं। धीरज सक्सेना ने ‘रोबोटोनिक्स कॉरपोरेशन’ से एक ऐसा रोबोट माँगा, जो घर के कामकाज, बच्चों के होमवर्क और कंप्यूटर पर उनके काम में मदद कर सके। कंपनी ने ‘रोबोनिल’ नामक एक बुद्धिमान रोबोट सक्सेना परिवार को दे दिया।
रोबोनिल ने घर के सभी काम सँभाल लिए—नाश्ता बनाना, दरवाज़ा खोलना, बच्चों को कहानियाँ सुनाना और होमवर्क कराना, कम्प्यूटर पर काम करना और शाम को पालतू कुत्ते ‘शेरू’ को घुमाना। इसी दौरान रोबोनिल की मुलाकात रोबोदीप से हुई और वे अच्छे दोस्त बन गए।
एक दिन रोबोदीप ने बताया कि साधोराम की नौकरी खतरे में है। सक्सेना परिवार अब उसे मुआवज़ा देकर गाँव भेजना चाहता है क्योंकि रोबोनिल ने उसका काम पूरी तरह सँभाल लिया है। यह बात रोबोनिल को बहुत दुख देती है क्योंकि यह रोबोटिकी के नियमों के खिलाफ है। ये नियम कहते हैं कि कोई रोबोट किसी इंसान की नौकरी नहीं छीन सकता और न ही उसके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
दोनों रोबोटों ने साधोराम की मदद करने की ठानी। लेकिन कंपनी के मालिक ने अनुबंध तोड़ने से साफ इंकार कर दिया। तभी धीरज सक्सेना ने एक विज्ञान कथा टाइप करने के लिए दी, जिसमें ‘रोबोटिक संघ’ द्वारा एक इंसान की नौकरी बचाने के लिए हड़ताल का वर्णन था। यह कहानी पढ़कर रोबोनिल को प्रेरणा मिली।
दूसरे दिन रोबोनिल ने ‘रोबोटिक संघ’ से साधोराम के समर्थन में हड़ताल करवा दी। मालिकों को झुकना पड़ा और अनुबंध रद्द कर दिया गया। आखिरकार, सक्सेना ने ‘रोबोटिक संघ’ के अध्यक्ष से आग्रह किया कि जब तक साधोराम ठीक नहीं हो जाता, तब तक रोबोनिल उनके घर में काम करता रहे। साधोराम के ठीक होते ही उसे फिर से नौकरी मिल जाएगी।
इस तरह, रोबोनिल और रोबोदीप के प्रयासों से साधोराम की नौकरी बच जाती है और यह कहानी हमें मानवीय संवेदनाओं, सहयोग और तकनीक के नैतिक प्रयोग का संदेश देती है।