SSLC Hindi Question and Answer: Samay Ki Pehchan
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Karnataka SSLC Hindi Textbook Answers—Reflections Chapter 11
Samay Ki Pehchan Questions and Answers, Notes, and Summary
Class 10 3rd Language Hindi Chapter 11
Samay Ki Pehchan
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I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
Question 1.
कवि के अनुसार मनुष्य को सुख कब नहीं मिलता?
Answer:
कवि के अनुसार मनुष्य को सुख तब नहीं मिलता जब वह समय को नष्ट करता है.
Question 2.
बहाने बनाने का प्रमुख कारण क्या है?
Answer:
बहाने बनाने का प्रमुख कारण आलस्य है.
Question 3.
समय किसका दिया हुआ अनुपम धन है?
Answer:
समय ईश्वर का दिया हुआ अनुपम धन है.
Question 4.
कवि किस पर विश्वास करने को कहते हैं?
Answer:
कवि आत्मा पर विश्वास करने को कहते हैं.
Question 5.
समय के खोने से क्या होता है?
Answer:
समय के खोने से मनुष्य बाद में पछताता है.
II. दो–तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
Question 1.
मनुष्य के लिए सुख की प्राप्ति कब संभव है?
Answer:
मनुष्य के लिए सुख की प्राप्ति तब संभव है जब वह परिश्रमी हो और समय को नष्ट न करे.
Question 2.
समय का सदुपयोग कैसे करना चाहिए?
Answer:
समय का सदुपयोग करने के लिए मनुष्य को आलस्य छोड़कर जो काम करना है उसे तुरंत करना चाहिए, क्योंकि कल का भरोसा नहीं. उसे अपने चित्त को काम में लगाना चाहिए और आत्मा पर विश्वास करके संदेह भगा देना चाहिए.
Question 3.
कविता की अंतिम चार पंक्तियों में कवि क्या कहना चाहते हैं?
Answer:
कविता की अंतिम चार पंक्तियों में कवि कहना चाहते हैं कि ऐसा अच्छा समय फिर कभी नहीं मिलेगा. इसे खोकर मनुष्य बाद में पूरी तरह पछताएगा. इसलिए जो भी काम करना है, उसे उसी में मन लगाकर आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए.
III. निम्नलिखित शब्दों में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(सर्वथा, चक्रवर्ती, करो अभी, शुभ)
- जो करना है, करो अभी, कल हो क्या जाने?
- चाहो तुम क्यों नहीं चक्रवर्ती भी होके?
- यही समय ही अहो तुम्हारा शुभ जीवन है.
- खोकर पीछे इसे सर्वथा पछताओगे.
- अनुरूपता :
- आलस्य : परिश्रम :: नष्ट : सृजन (या बनाना)
- जानो : मानो :: लगा दो : भगा दो
- धन : निर्धन :: दिया : लिया
- जीवन : मरण :: खोना : पाना
IV. जोड़कर लिखिए :
- उद्यमी – सुसमय
- आलस्य – बहाना
- जीवन – पल–पल
- समय – अनुपम धन
- द्रव्य – समता
V. उदाहरण के अनुसार तुकांत शब्दों को पहचानकर लिखिए:
उदा : जाता – पाता
- बहाने – जाने
- समता – चिंता
- धन – जीवन
- लगा दो – भगा दो
- जानो – मानो
- पाओगे – पछताओगे
VII. नीचे दिए गए शब्दों का शुद्ध रूप लिखिए :
- चकवरती – चक्रवर्ती
- चींता – चिंता
- नष्ट – नष्ट
- अलासा – आलस्य
- सरवथा – सर्वथा
- संयम – संयम
VIII. उदाहरण के अनुसार शब्द लिखिए :
उदा : समय – सुसमय
- पुत्र – सुपुत्र
- फल – सुफल
- मन – सुमन
- योग्य – सुयोग्य
- यश – सुयश
- नाद – सुनाद
- मति – सुमति
IX. समय के महत्व से संबंधित निम्नलिखित दोहा और कविताओं को पढ़िए और लिखिए। कक्षा में चर्चा कीजिए :
- काल करै सो आज कर, आज करै सो अब, पल में प्रलय होवेगा, बहुरि करेगा कब?
- उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहां जो सोवत है। जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सो पावत है।
- जो आज करना सो अब कर ले।
- जब चिड़िया चुग गयी खेत, तब पछताये क्या होता है।
X. अपने अध्यापक की सहायता से इसे पूर्ण कीजिए :
- एक पहर = 3 घंटे
- एक दिन = 24 घंटे
- एक सप्ताह = 7 दिन
- एक पक्ष = 15 दिन
- एक मास = 30/31 दिन (फरवरी में 28/29)
- एक साल = 365/366 दिन
XI. तालिका में महीनों का नाम लिखिए और 30 दिन आनेवाले महीनों में हरा रंग, 31 आनेवाले महीनों में पीला रंग, 28/29 आनेवाले महीने में लाल रंग भरिए
This exercise requires coloring, which I cannot perform. Here are the months and their typical number of days):
- जनवरी: 31 (पीला)
- फरवरी: 28/29 (लाल)
- मार्च: 31 (पीला)
- अप्रैल: 30 (हरा)
- मई: 31 (पीला)
- जून: 30 (हरा)
- जुलाई: 31 (पीला)
- अगस्त: 31 (पीला)
- सितंबर: 30 (हरा)
- अक्टूबर: 31 (पीला)
- नवंबर: 30 (हरा)
- दिसंबर: 31 (पीला)
समय की पहचान [Samay Ki Pehchan ]Summary
कवि परिचय:
सियारामशरण गुप्त का जन्म 4 सितंबर 1895 को झाँसी (मध्यप्रदेश) के चिरगाँव में हुआ। इनके पिता का नाम सेठ रामचरण कनकने और माता का नाम कौशल्या बाई था। वे हिंदी के प्रसिद्ध राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के छोटे भाई थे। इन्होंने घर पर ही गुजराती, अंग्रेज़ी और उर्दू भाषा सीखी। 1929 में महात्मा गांधीजी के संपर्क में आए और वर्धा में रहे। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं – ‘मौर्यविजय’, ‘अनाथ’, ‘विषाद’, ‘आर्द्रा’, ‘आत्मोत्सर्ग’, ‘मृण्मयी’, ‘बापू’, ‘नकुल’ आदि। साहित्य सेवा के लिए इन्हें ‘सुधाकर पदक’ से सम्मानित किया गया। 29 मार्च 1963 को उनका निधन हुआ।
कविता का आशय:
यह कविता हमें बताती है कि समय सबसे मूल्यवान संपत्ति है। अगर हम इसे सही तरह से इस्तेमाल करें, तो हम अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं। आलस और बहानों से बचना चाहिए और हर क्षण का उपयोग करना चाहिए।
भावार्थ:
- परिश्रमी व्यक्ति के लिए हर समय अच्छा होता है। समय नष्ट करने से किसी को भी सच्चा सुख नहीं मिलता।
- आलस हमें बहाने बनाने पर मजबूर करता है। इसलिए जो भी करना हो, उसे तुरंत करना चाहिए।
- समय खोने के बाद दोबारा नहीं मिलता, चाहे आप कितने भी बड़े या शक्तिशाली क्यों न हों।
- समय की बराबरी कोई धन-संपत्ति नहीं कर सकती, फिर भी लोग इसकी परवाह नहीं करते।
- समय ईश्वर का दिया अनमोल उपहार है। समय का सदुपयोग कर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
- हर पल का महत्व है। जीवन छोटे-छोटे पलों का जोड़ है।
- आत्मविश्वास से काम में जुट जाना चाहिए और किसी भी संदेह को अपने मन से निकाल देना चाहिए।
- अगर समय को गँवा दिया, तो बाद में सिर्फ पछतावा ही हाथ लगेगा। इसलिए इसे व्यर्थ न जाने दें।
यह कविता हमें प्रेरणा देती है कि समय का मूल्य समझें और उसका सदुपयोग करें।