SSLC Hindi Question and Answer: Kashmiri seb
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Karnataka SSLC Hindi Textbook Answers—Reflections Chapter 2
Kashmiri seb Questions and Answers, Notes, and Summary
Class 10 3rd Language Hindi Chapter 2
Kashmiri Seb
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I.एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
Question 1.
लेखक चीज़ें खरीदने कहाँ गये थे?
Answer:
लेखक चीज़ें खरीदने शाम को चौक में गये थे।
Question 2.
लेखक को क्या नज़र आया?
Answer:
लेखक को एक दूकान पर बहुत अच्छे रंगदार, गुलाबी सेब सजे हुए नज़र आये।
Question 3.
लेखक का जी क्यों ललचा उठा?
Answer:
दुकान पर सजे हुए रंगदार, गुलाबी सेब को देखकर लेखक का जी ललचा उठा।
Question 4.
टमाटर किसका आवश्यक अंग बन गया है?
Answer:
टमाटर भोजन का आवश्यक अंग बन गया है।
Question 5.
स्वाद में सेब किससे बढ़कर नहीं है?
Answer:
स्वाद में सेब आम से बढ़कर नहीं है।
Question 6.
रोज़ एक सेब खाने से किनकी ज़रूरत नहीं होगी?
Answer:
रोज़ एक सेब खाने से डॉक्टरों की ज़रूरत नहीं होगी।
II.दो–तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
Question 1.
आजकल शिक्षित समाज में किसके बारे में विचार किया जाता है?
Answer:
आजकल शिक्षित समाज में विटामिन और प्रोटीन के शब्दों में विचार करने की प्रवृत्ति हो गई है।
Question 2.
दुकानदार ने लेखक से क्या कहा?
Answer:
दुकानदार ने लेखक से कहा कि बड़े मज़ेदार सेब आये हैं, ख़ास काश्मीर के। लेखक वे सेब ले जाएँ, खाकर तबियत खुश हो जाएगी।
Question 3.
दुकानदार ने अपने नौकर से क्या कहा?
Answer:
दुकानदार ने अपने नौकर से कहा कि सुनो, आधा सेर कश्मीरी सेब निकाल लाओ। चुन-चुन कर लाना।
Question 4.
सेब की हालत के बारे में लिखिए।
Answer:
लेखक ने घर आकर जब एक सेब निकाला तो वह सड़ा हुआ था। दूसरा आधा सड़ा हुआ था। तीसरा दबा हुआ था और पिचका हुआ था। चौथा बेदाग था, पर उसमें एक काला सुराख था, और काटने पर भीतर वैसे ही धब्बे थे जैसे बेर में होते हैं।
III. जोड़कर लिखिए :
- सेब को रुमाल में बाँधकर – मुझे दे दिया
- फल खाने का समय तो – प्रातःकाल है
- एक सेब भी खाने – लायक नहीं
- व्यापारियों की साख – बनी हुई थी
IV. विलोम शब्द लिखिए :
- शाम × सुबह
- खरीदना × बेचना
- बहुत × कम
- अच्छा × बुरा
- शिक्षित × अशिक्षित
- आवश्यक × अनावश्यक
- गरीब × अमीर
- रात × दिन
- संदेह × विश्वास
- साफ × गंदा
- बेईमान × ईमानदार
- विश्वास × अविश्वास
- सहयोग × असहयोग
- हानि × लाभ
- पास × दूर
- गम × खुशी
V. अनुरूपता :
- केला : पीला रंग :: सेब : गुलाबी
- सेब : फल :: गाजर : सब्जी
- नागपुर : संतरा :: काश्मीर : सेब
- कपड़ा : नापना :: टमाटर : तौलना
VI. अन्य वचन लिखिए :
- चीज़ें – चीज़
- रास्ता – रास्ते
- फल – फल
- घर – घर
- रुपये – रुपया
- आँखें – आँख
- कर्मचारी – कर्मचारी
- व्यापारी – व्यापारी
- रेवड़ी – रेवड़ियाँ
- दुकान – दुकानें
VII. प्रत्येक शब्द के अंतिम अक्षर से एक और शब्द बनाइए:
उदा : सेब → बंदर → रंग → गरम
- दुकान → नदी → दीपक → कमरा → रास्ता
- बाजार → रग → गम → मकान → नमक
- रूमाल → लड़का →काला → लाल → लकड़ी
- लेखक → कवि → विचारक → कल्पना → नाटक
VIII. निम्नलिखित वाक्यों को सही क्रम से लिखिए:
Question 1.
गाजर गरीबों भी पहले के पेट की चीज़ भरने थी।
Answer:
गाजर भी पहले गरीबों के पेट भरने की चीज थी।
Question 2.
अब चीज नहीं है वह केवल स्वाद की।
Answer:
अब वह केवल स्वाद की चीज नहीं है।
Question 3.
नहीं लायक खाने भी सेब एक।
Answer:
एक भी सेब खाने लायक नहीं।
Question 4.
मालूम हुई घर आकर अपनी भूल।
Answer:
घर आकर अपनी भूल मालूम हुई।
IX. कन्नड़ अथवा अंग्रेज़ी में अनुवाद कीजिए:
- गाजर भी पहले गरीबों के पेट भरने की चीज़ थी।
- Kannada: ಕ್ಯಾರೆಟ್ ಕೂಡ ಮೊದಲು ಬಡವರ ಹೊಟ್ಟೆ ತುಂಬಿಸುವ ವಸ್ತುವಾಗಿತ್ತು.
- English: Carrots were also earlier a thing to fill the stomachs of the poor.
- दूकानदार ने कहा – बड़े मज़ेदार सेब आये हैं।
- Kannada: ಅಂಗಡಿಯವನು ಹೇಳಿದ – ಬಹಳ ರುಚಿಕರವಾದ ಸೇಬುಗಳು ಬಂದಿವೆ.
- English: The shopkeeper said – very delicious apples have arrived.
- एक सेब भी खाने लायक नहीं।
- Kannada: ಒಂದು ಸೇಬು ಕೂಡ ತಿನ್ನಲು ಯೋಗ್ಯವಾಗಿರಲಿಲ್ಲ.
- English: Not even one apple was edible.
- दूकानदार ने मुझसे क्षमा माँगी।
- Kannada: ಅಂಗಡಿಯವನು ನನ್ನಲ್ಲಿ ಕ್ಷಮೆ ಯಾಚಿಸಿದ.
- English: The shopkeeper apologized to me.
Summary कश्मीरी सेब [Kashmiri seb]
लेखक परिचय:
प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के पास लमही गाँव में हुआ था। उनका असली नाम धनपतराय था। वे शिक्षा विभाग में कार्यरत रहे। बचपन में ही उन्हें माँ का प्यार नहीं मिला और जीवन गरीबी में बीता। वे केवल मैट्रिक तक ही पढ़ पाए। यथार्थवादी लेखन के लिए प्रसिद्ध प्रेमचंद ने ‘गोदान’, ‘सेवासदन’, ‘गबन’, ‘निर्मला’ और ‘कर्मभूमि’ जैसे उपन्यास लिखे। उनकी चर्चित कहानियों में ‘बड़े घर की बेटी’, ‘नमक का दरोगा’, ‘पंच परमेश्वर’ और ‘पूस की रात’ शामिल हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ ‘मानसरोवर’ नाम से संग्रहित हैं।
पाठ का आशय:
लेखक अपने अनुभव के आधार पर हमें यह सीख देते हैं कि अगर खरीदारी करते समय सतर्क नहीं रहे, तो आसानी से ठगे जा सकते हैं।
कहानी का सारांश:
‘कश्मीरी सेब’ कहानी में प्रेमचंद बाजार से सेब खरीदने जाते हैं। वे आधा सेर सेब दुकानदार से खरीदते हैं। दुकानदार सेब को लिफाफे में डालकर प्रेमचंद को दे देता है। लेखक दुकानदार की बातों में आकर सेबों को बिना देखे ही ले आते हैं। लेकिन घर आकर जब नाश्ते के लिए सेब निकालते हैं, तो वे देखते हैं कि सेब सड़े हुए हैं। बाकी तीन सेब भी खराब होते हैं। लेखक को दुकानदार की बेईमानी पर बहुत गुस्सा आता है, लेकिन वे खुद को भी जिम्मेदार मानते हैं क्योंकि उन्होंने आँख मूँदकर दुकानदार पर भरोसा कर लिया था और मौका दे दिया था।
लेखक बताते हैं कि पहले ऐसा नहीं होता था। व्यापारी ईमानदार होते थे और धोखा नहीं देते थे। लेखक का यह अनुभव पाठकों को चेतावनी देता है कि खरीदारी के समय हमेशा सावधानी बरतें।