2nd PUC Hindi Question and Answer Karnataka State Board Syllabus
2nd PUC Hindi Chapter 8
Yatra Japan Ki
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I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर: लिखिए। Yatra Japan Ki
Question 1:
लेखिका जापान किस उद्देश्य से गई थीं?
Answer :
लेखिका अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में भाग लेने जापान गई थीं।
Question 2:
जापान के होटलों में क्या विशेष रिवाज है?
Answer :
जापान के होटलों में सबसे पहले मेहमानों को गरम पानी पीने की पेशकश की जाती है।
Question 3:
जापान की क्या विशेषता है?
Answer :
जापान की विशेषता शालीनता है।
Question 4:
‘टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज़’ के निदेशक कौन हैं?
Answer :
प्रो. फुजिई ताकेशी इस विश्वविद्यालय के निदेशक हैं।
Question 5:
पुस्तकालय से बाहर निकलते समय अलार्म क्या दर्शाता है?
Answer :
अलार्म यह बताता है कि आपके पास कोई छुपी हुई पुस्तक नहीं है।
Question 6:
लेखिका ने किसे अनुशासनप्रिय बताया है?
Answer :
लेखिका ने जापानी लोगों को अनुशासनप्रिय कहा है।
Question 7:
‘शिन्कान्सेन’ का अर्थ क्या है?
Answer :
‘शिन्कान्सेन’ का अर्थ है न्यू ट्रंक लाइन।
Question 8:
‘पानी’ के लिए जापानी भाषा में क्या शब्द प्रयोग होता है?
Answer :
पानी के लिए जापानी भाषा में शब्द ‘मिजु’ है।
Question 9:
फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेर’ किस पुस्तक के आधार पर बनी है?
Answer :
यह फिल्म विकास स्वरूप की पुस्तक पर आधारित है।
Question 10:
नारा का कौन-सा मंदिर प्रसिद्ध है?
Answer :
तोदायजी नारा का प्रसिद्ध मंदिर है।
Question 11:
जापानी भाषा में गौतम बुद्ध को क्या कहा जाता है?
Answer :
जापानी भाषा में गौतम बुद्ध को ‘दायबुत्सु’ कहा जाता है।
Question 12:
नारा मंदिर में बुद्ध प्रतिमा की ऊंचाई कितनी है?
Answer :
नारा मंदिर में बुद्ध प्रतिमा की ऊंचाई 55 फुट है।
Question 13:
एक समय में जापान की राजधानी कौन-सा शहर था?
Answer :
एक समय में नारा जापान की राजधानी हुआ करता था।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: लिखिए। Yatra Japan Ki
Question 1:
जापान के भारतीय रेस्तरां ‘कलकत्ता’ का वर्णन करें।
Answer :
जापान के तोक्यो शहर में ‘कलकत्ता’ नामक एक प्रसिद्ध भारतीय रेस्तरां है। रेस्तरां की दीवार पर ताजमहल और ऊंटों की तस्वीर के साथ ‘Incredible India’ लिखा हुआ है। यहाँ हिंदी संगीत की आवाज चलती है। डोसा-सांभर और भारतीय मसालों की खुशबू से पूरा स्थान भरा हुआ है। जापान में यहाँ का रिवाज है कि सबसे पहले गर्म पानी पीने को दिया जाता है। इसके बाद मसाला चाय, जिसमें दालचीनी, काली मिर्च और चायपत्ती डलकर बनाई जाती है, प्रस्तुत की जाती है।
Question 2:
लेखिका जापान के रेलवे स्टेशन और रेल यात्रा के विषय में क्या कहती हैं?
Answer :
जापान में हर जगह रेलवे स्टेशन हैं, जहाँ लोग मशीन से नोट डालकर टिकट लेते हैं। जल्दी-जल्दी टिकट लेना यहाँ आम है और कोई यात्री भी धक्का-मुक्की नहीं करता। प्लेटफार्म पर लाल लकीरें यात्रियों के चढ़ने-उतरने की जगह को दर्शाती हैं। ट्रेन में पर्याप्त जगह होती है और कुछ सीटें वृद्धों और बीमार लोगों के लिए आरक्षित होती हैं। लेखिका इस अनुशासन और सुविधा को देखकर प्रभावित हुईं।
Question 3:
‘टफ्स’ पुस्तकालय के बारे में जानकारी दें।
Answer :
‘टफ्स’ का पुस्तकालय चार मंजिलों वाला विशाल भवन है, जिसमें 6,18,615 पुस्तकें हैं। पुस्तकालय में मशीनों की मदद से पुस्तकें तुरंत सामने आ जाती हैं। अलार्म सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि कोई पुस्तक चोरी न हो। लेखिका ने यहाँ कई दुर्लभ किताबें देखीं, जैसे कि हिंदी, अवधी, मैथिली, और भोजपुरी जैसी भाषाओं से संबंधित।
Question 4:
जापान के ‘बुलेट ट्रेन’ पर टिप्पणी करें।
Answer :
बुलेट ट्रेन या शिन्कान्सेन 16 डब्बों वाली लंबी ट्रेन है, जिसकी गति 170 किलोमीटर प्रति घंटे होती है। इसके संचालन में 8600 कर्मी जुड़े हुए हैं। तोक्यो और ओसाका के बीच गुफाएँ भी आती हैं। यात्रा बहुत आरामदायक होती है और ट्रेन के शीशे से दिशा संकेत भी दिए जाते हैं।
Question 5:
ओसाका के किले का वर्णन करें।
Answer :
ओसाका का किला ‘जो’ के नाम से जाना जाता है। इसका अर्थ ‘मंदिर’ होता है। सन् 1585 में सम्राट तोयोतोमी हिदेयोशी ने इसका निर्माण कराया था। किले के चारों ओर हरियाली और फूलों से घिरे सुंदर स्थान हैं। किले का मुख्य द्वार काले रंग का बड़ा फाटक है और काले पत्थरों से बनी इसकी दीवारें जापानी संघर्षशीलता का प्रतीक मानी जाती हैं।
Question 6:
‘तोदायजी’ मंदिर का विवरण दें।
Answer :
नारा प्रांत में स्थित तोदायजी मंदिर 743 में स्थापित हुआ था। यहाँ गौतम बुद्ध की 55 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा है, जिसका वजन 500 टन है। तोदायजी में एक मार्ग है, जिसके पार कोई व्यक्ति होता है तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दो प्रतिमाएँ हैं, एक का मुंह खुला और दूसरी का बंद है।
Question 7:
जापान के ‘हिरन-वन’ के बारे में जानकारी दें।
Answer :
तोदायजी मंदिर से जुड़ा एक हिरन-वन है, जहाँ हिरन बहुत स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट हैं। यहाँ पर लोग हिरनों को आटे से बने बिस्किट खिलाते हैं। हिरन भी इन बिस्किटों की खोज में दौड़कर आते हैं। इस स्थान से नारा शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
Question 8:
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के बारे में लेखिका के विचार क्या हैं?
Answer :
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में हिंदी पुस्तकों का लोकार्पण होता है और विद्वानों को सम्मानित किया जाता है। सम्मेलन में कई विषयों पर भाषण होते हैं। लेखिका ने देखा कि जापान में भारतीय मूल के लोग हिंदी संस्कृति और सभ्यता के साथ जुड़े हुए हैं।
Question 9:
जापान में हिंदी के प्रचार पर टिप्पणी करें।
Answer :
जापान में हिंदी के विद्वानों की संख्या अधिक है। प्रोफेसर ताकाशि, तोषियो तनाका और अकिरा ताकाहाशी जैसे विद्वान हिंदी और उर्दू के विशेषज्ञ हैं। जापान में हिंदी फिल्मों और उनके गीतों को बहुत पसंद किया जाता है। तीन सौ हिंदी फिल्मी गाने पुस्तक के रूप में संग्रहित किए गए हैं, जो हिंदी के प्रचार में सहायक हैं।
III. ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए। Yatra Japan Ki
Question 1:
‘यहाँ टिकट खाँचे में डाल कर जल्द अंदर घुसो, उस पार जाकर अपनी टिकट उठा लो।’
Answer :
प्रसंग: यह वाक्य ‘यात्रा जापान की’ से लिया गया है, लेखिका ममता कालिया द्वारा।
व्याख्या: लेखिका जब जापान यात्रा पर थीं, तो सुरेश ऋतुपर्ण ने उन्हें रेलवे स्टेशन पर टिकट मशीन का उपयोग कराया। सुरेश ने उन्हें समझाया कि टिकट मशीन से टिकट डालकर जल्दी अंदर प्रवेश करें और दूसरी ओर जाकर अपनी टिकट ले लें। इस प्रक्रिया से लेखिका जापान के रेलवे स्टेशन और उनकी व्यवस्था से बहुत प्रभावित हुईं।
Question 2:
‘यहाँ तो डेंटिस्ट मक्खो मारते होंगे।’
Answer :
प्रसंग: यह वाक्य ‘यात्रा जापान की’ से लिया गया है, लेखिका ममता कालिया द्वारा।
व्याख्या: लेखिका और ऋचा मिश्र उद्घाटन कार्यक्रम से पहले बाथरूम गईं और वहाँ एक दिलचस्प दृश्य देखा। कई लड़कियाँ कतार में खड़ी थीं और अपने पर्स से ब्रश और टूथपेस्ट निकालकर दांत साफ कर रही थीं। यह देखकर लेखिका ने मजाक में कहा कि यहाँ डेंटिस्ट मक्खो मारते होंगे। इस प्रकार जापान में खाने के बाद दांतों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
Question 3:
‘इनकी हर मंज़िल पर इतनी जगह जानबूझकर छोड़ी गई है जो भूकम्प के धक्के सह सके।’
Answer :
प्रसंग: यह वाक्य ‘यात्रा जापान की’ से लिया गया है, लेखिका ममता कालिया द्वारा।
व्याख्या: लेखिका जब जापान की यात्रा पर थीं, तो सुरेश उन्हें जापान के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कराते हुए ले गए। तोक्यो में उन्होंने ऊंची इमारतें और जगमगाती रोशनी देखीं। लेखिका ने यह जिज्ञासा की कि जापान में इतने भूकम्प आते हैं, फिर भी गगनचुम्बी इमारतें क्यों बनाईं जाती हैं? सुरेश ने ऊपर दिया गया उत्तर दिया कि यह जगह जानबूझकर भूकम्प को सहन करने के लिए छोड़ी जाती है।
Question 4:
‘यहाँ प्रकृति की तूलिका में सात से अधिक रंग दिखाई दे रहे हैं।’
Answer :
प्रसंग: यह वाक्य ‘यात्रा जापान की’ से लिया गया है, लेखिका ममता कालिया द्वारा।
व्याख्या: लेखिका विश्व हिंदी सम्मेलन के सिलसिले में जापान की ओसाका यात्रा पर थीं। वैन से यात्रा के दौरान उन्हें इमारतों के बाद रंग-बिरंगे पेड़ दिखाई दिए। मोमीजी के पेड़ लाल, नारंगी और गुलाबी रंगों के संयोजन में थे। वहीं, साकुरा के पेड़ सफेद फूलों से ढके हुए थे। हरियाली इतनी चटक थी कि मानो किसी कलाकार ने रंगों से चित्रित किया हो। लेखिका ने इस दृश्य को देखकर उपरोक्त बात का विचार किया।
Question 5:
‘यह किला जापानी संघर्ष धर्मिता और जिजीविषा का प्रतीक है।’
Answer :
प्रसंग: यह वाक्य ‘यात्रा जापान की’ से लिया गया है, लेखिका ममता कालिया द्वारा।
व्याख्या: लेखिका ओसाका में किले का भ्रमण करने गईं। उन्हें जानकारी मिली कि सम्राट तोयोतोमी ने 1585 में इसे बनवाया था। किले का कुछ हिस्सा कई बार नष्ट हुआ और पुनर्निर्मित किया गया, कभी भूकम्पों की वजह से, तो कभी आग लगने से। एक बार किले पर बिजली गिर गई थी। इन सभी घटनाओं के बावजूद किला स्थिरता से खड़ा है और जापानी लोगों की संघर्षशीलता और जीवटता का प्रतीक माना जाता है।
IV. वाक्य शुद्ध कीजिए। Yatra Japan Ki
Question 1:
हम सातवीं मंज़िल में हैं।
Answer:
हम सातवें मंज़िल पर हैं।
Question 2:
पीने के लिए गरम पानी अवश्य मिलती है।
Answer:
पीने के लिए गरम पानी अवश्य मिलता है।
Question 3:
छात्रों ने पूरी एकाग्रता से हमें सुनी।
Answer:
छात्रों ने पूरी एकाग्रता से हमें सुना।
Question 4:
बाज़ार का कोई शोर सुनाई नहीं देती।
Answer:
बाज़ार का कोई शोर सुनाई नहीं देता।
Question 5:
होटल में हिन्दी संगीत चल रही है।
Answer:
होटल में हिन्दी संगीत चल रहा है।
v. निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए। Yatra Japan Ki
Question1:
रात की दावत हरजेन्द्र चौधरी के घर पर थी। (वर्तमान काल में बदलिए)
Answer:
रात की दावत हरजेन्द्र चौधरी के घर पर है।
Question 2:
वहाँ हिन्दी-उर्दू प्रेमियों का जमावड़ा है। (भविष्यत्काल में लिखिए)
Answer:
वहाँ हिन्दी-उर्दू प्रेमियों का जमावड़ा रहेगा।
Question 3:
कुछ देर तक हम इसका वैभव देखते हैं। (भूतकाल में बदलिए)
Answer:
कुछ देर तक हम इसका वैभव देखते थे।
VI. अन्य लिंग रूप लिखिए। Yatra Japan Ki
• विद्वान – विदुषी
• छात्र – छात्रा
• युवक – युवती
• पत्नी – पति
• बालक – बालिका
VII. अन्य वचन रूप लिखिए। Yatra Japan Ki
• दुकान – दुकानें
• सुविधा – सुविधाएँ
• पुस्तक – पुस्तकें
• टिकट – टिकटें
VIII. विलोम शब्द लिखिए। Yatra Japan Ki
• सुगंध x दुर्गंध
• समर्थ x असमर्थ
• सौम्य x कठोर
• सुरक्षा x असुरक्षा
IX. निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए। Yatra Japan Ki
• शासन – अनुशासन
• विश्वास – अविश्वास
• चालन – परिचालन
• व्यवस्थित – अव्यवस्थित
यात्रा जापान की [ Yatra Japan ki ]
Summary
ममता कालिया एक प्रसिद्ध हिंदी लेखिका हैं, जिन्होंने जापान की राजधानी टोक्यो का दौरा किया। वह “विश्व हिंदी सम्मेलन” में भाग लेने के लिए जापान गई थीं। इस पाठ में उन्होंने जापान में अपने अनुभवों और वहां घूमे गए स्थानों का विवरण दिया है।
24 अक्टूबर 2010 को भारत से छह सदस्यीय दल जापान के लिए रवाना हुआ। वे नरीता एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से उन्हें प्रोफेसर सुरेश नमूदार ने एक भारतीय रेस्टोरेंट “कलकत्ता” ले जाया। ममता कालिया इस रेस्टोरेंट से बहुत प्रभावित हुईं, खासकर वहां मिलने वाली मसाला चाय से।
जापान की रेल यात्रा के दौरान ममता ने देखा कि जापानी लोग कितने सौम्य और सभ्य हैं। रेलवे स्टेशनों पर कोई भी धक्का-मुक्की नहीं करता था। जापान में “कर्टसी सीट्स” होती हैं, जिन पर बुजुर्ग लोग, महिलाओं के साथ बच्चे, विकलांग व्यक्ति और सामान से लदी हुईं महिलाएं बैठती हैं। ये सीटें चित्रों द्वारा प्रदर्शित होती हैं।
ममता ने टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज़ (TUFS) का भी दौरा किया, जहां 50 से अधिक भाषाओं की पढ़ाई होती है। यहां कई छात्रों को हिंदी का अच्छा ज्ञान था। टोक्यो यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रोफेसर फुजी ताकेशी हैं, जो कभी दिल्ली के हिंदू कॉलेज में पढ़ चुके थे।
पुस्तकालय का दौरा:
ममता ने लंच ब्रेक के दौरान एक पुस्तकालय का दौरा किया। यह चार मंजिला पुस्तकालय था, जिसमें करीब 6,18,615 किताबें थीं। यहां किताबें इलेक्ट्रिक बटन दबाकर निकाली जा सकती थीं। इसके अलावा चोरी और निगरानी के लिए अलार्म सिस्टम भी लगाए गए थे। ममता को वहां कई प्राचीन पांडुलिपियां और दुर्लभ पुस्तकें भी मिलीं। ममता ने यह भी देखा कि जापानी छात्र हर भोजन के बाद दांत साफ करने के लिए कतार में खड़े होकर ब्रश करते हैं।
बुलेट ट्रेन ‘शिंकासेन’ का अनुभव:
ममता और उनके दल ने जापान की प्रसिद्ध बुलेट ट्रेन “शिंकासेन” का भी अनुभव किया। यह ट्रेन 16 डिब्बों वाली होती है और 1300 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं। इसकी रफ्तार 170 किलोमीटर प्रति घंटे होती है। टोक्यो से ओसाका के बीच इस ट्रेन के रास्ते में 66 सुरंगे आती हैं।
ओसाका का किला:
ममता ने ओसाका का किला “ओसाका जो” देखा। यह किला कई बार युद्धों के कारण नष्ट हुआ और फिर पुनर्निर्मित किया गया। यह किला जापानी लोगों की संघर्षशीलता और जीवटता का प्रतीक है।
रात्रि भोजन और अन्य स्थानों की यात्रा:
रात्रि भोजन के दौरान ममता ने हरजेंद्र चौधरी से मुलाक़ात की। साथ ही उन्होंने एक सेमिनार के दौरान विकास स्वरूप से भी मुलाक़ात की, जिनकी पुस्तक पर फिल्म “स्लमडॉग मिलियनेयर” बनी थी।
सेमिनार के बाद ममता और उनके दल ने माइनो जलप्रपात (Mino Falls) का दौरा किया और फिर ट्रेन से नारा शहर पहुंचे। नारा जापान की एक पुरानी राजधानी है।
थोडायजी मंदिर और हिरण वन:
नारा में ममता ने थोडायजी मंदिर का भी दौरा किया। यह एक प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर है, जिसमें 55 फीट ऊंची कांस्य की बुद्ध प्रतिमा है, जिसका वजन लगभग 500 टन है। यह मंदिर मुख्यतः लकड़ी से बना है और बहुत ही आकर्षक है।
इसके बाद ममता और उनके दल ने हिरण वन का भी दौरा किया। यहां के हिरण भारतीय हिरणों से अधिक स्वस्थ और खूबसूरत थे। पर्यटकों द्वारा उन्हें बिस्किट और केला खिलाया जा रहा था।
ममता ने यह अनुभव करते हुए सोचा कि जापान और यहां के सुंदर लोगों से विदाई कैसे देंगी।
समाप्त।