2nd PUC Hindi Question and Answer Karnataka State Board Syllabus
2nd PUC Hindi Chapter 12
Bihari Ke Dohe
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भावार्थ: Bihari ke Dohe
1. कनक और धतुरा के मादक प्रभाव पर:
बिहारी ने ‘कनक’ शब्द का उपयोग दो संदर्भों में किया है। पहला संदर्भ है ‘धतुरा’ (जो नशा पैदा करता है) और दूसरा है ‘सोना’, जो इंसान को पागल कर सकता है। दोनों से मादकता का प्रभाव बढ़ता है, एक तो धतुरे से और दूसरा सोने से, और इन दोनों को पाकर मनुष्य की मति हर जाती है।
2. बाह्य आडंबर का विरोध:
बिहारी इस दोहे में आडंबर की आलोचना करते हुए कहते हैं कि जपमाला, तिलक या पूजा कर्म केवल दिखावा हैं। अगर मन स्थिर नहीं है और चित्त भटकता है, तो ऐसे कर्म से कोई लाभ नहीं। असली पूजा वह है जो सच्चे मन से की जाए, तभी वह राम को प्रिय होगी।
3. कृष्ण के रूप का सुंदर वर्णन:
बिहारी कृष्ण के रूप का सुंदर रूप से वर्णन करते हुए कहते हैं कि कृष्ण के लाल होंठ, उनके होंठों पर हरी बाँसुरी, और पीले रंग की पितांबरी (कपड़े) इंद्रधनुष के रंगों जैसी लगती है, जो आसमान की सुंदरता को दर्शाती है।
4. सागर और छोटे जलाशयों की तुलना:
बिहारी इस दोहे में सागर की विशालता और गहराई की बात करते हुए कहते हैं कि नदी, कूप, और तालाब जैसे जलाशय छोटे होते हैं, लेकिन वही हमारी प्यास बुझाते हैं। सागर के पास पहुंचने पर व्यक्ति कभी भी प्यासा नहीं लौटता।
5. कृष्ण प्रेम की गहरी स्थिति:
बिहारी कृष्ण के प्रेम में डूबे हुए व्यक्ति के मन की स्थिति को समझाते हुए कहते हैं कि कृष्ण के प्रेम में डूबा हुआ मनुष्य अपनी स्थिति को खुद भी नहीं समझ सकता। जैसे शाम होते-होते आकाश गहरा लाल हो जाता है, वैसे ही प्रेम में डूबा व्यक्ति भी गहरा होता जाता है।
6. प्रेम और भक्ति का प्रभाव:
बिहारी इस दोहे में प्रेम और भक्ति की स्थिति को समझाते हैं। वह कहते हैं कि जैसे-जैसे जल की मात्रा बढ़ती है, प्रेम रूपी कमल खिलते रहते हैं। जैसे ही जल कम होता है, कमल मुरझा जाते हैं, वैसे ही प्रेम में कमी आने से मन भी उदास और मुरझा जाता है।
7. सौंदर्य की मानवीय समझ:
बिहारी इस दोहे में कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति सुंदर या कुरूप नहीं होता। यह सब मन की इच्छा और रुचि पर निर्भर करता है। जिस वस्तु या व्यक्ति में मन को रुचि होती है, वही सुंदर लगता है।
8. कमजोर और दबे हुए लोगों पर आरोप:
बिहारी इस दोहे में वेदों और शास्त्रों के ज्ञानी विचारों का हवाला देते हुए कहते हैं कि जो लोग कमजोर होते हैं, उन्हें पापी, राजा, और रोग दबा लेते हैं। इसलिए हमें कमजोर नहीं होना चाहिए, क्योंकि कमजोर को ही दबाया जाता है, और रोग भी उन पर हमला करते हैं।
I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर: दीजिए। Bihari ke Dohe
Question 1:
किस चीज़ से मनुष्य अपनी मति खो बैठता है?
Answer:
धतुरा और सोना ऐसी चीजें हैं, जो मनुष्य को पागल कर देती हैं।
Question 2:
भगवान किस स्थिति में प्रसन्न होते हैं?
Answer:
भगवान तब प्रसन्न होते हैं जब भक्ति सच्चे मन से और पवित्र होती है।
Question 3:
कृष्ण की बाँसुरी किस रंग की होती है?
Answer:
कृष्ण की बाँसुरी हरे रंग की होती है।
Question 4:
प्रेमी का मन कब शुद्ध होता है?
Answer:
जब प्रेमी कृष्ण के रंग में डूबता है, उसका मन शुद्ध और उज्जवल हो जाता है।
Question 5:
धन और संपत्ति के बढ़ने से क्या होता है?
Answer:
धन और संपत्ति के बढ़ने से प्रेम की भावना प्रगाढ़ होती है और प्रेम रूपी कमल खिलते हैं।
Question 6:
वस्तुएं कब आकर्षक और सुंदर लगती हैं?
Answer:
जब मन किसी वस्तु को पसंद करता है, तब वह वस्तु सुंदर लगने लगती है।
Question 7:
कौन लोग दबे हुए होते हैं और क्यों?
Answer:
दुर्बल व्यक्ति को पापी, राजा और रोग दबाते हैं क्योंकि वे कमजोर होते हैं।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: लिखिए: Bihari ke Dohe
Question 1:
बिहारी ने ‘कनक’ शब्द के बारे में क्या बताया है?
Answer:
‘कनक’ शब्द के दो मुख्य अर्थ हैं – एक सोना और दूसरा धतूरा। बिहारी कहते हैं कि धतूरा खाने से मादकता आती है और व्यक्ति पागल हो जाता है, जबकि सोने को देखकर ही मादकता उत्पन्न होती है और पागलपन बढ़ जाता है। सोने में धतूरे के मुकाबले कहीं अधिक नशा होता है।
Question 2:
बिहारी के अनुसार सम्पत्ति रूपी जल और मन रूपी कमल का क्या संबंध है?
Answer:
बिहारी इस उदाहरण के माध्यम से प्रेम और भक्ति की बात करते हैं। वह कहते हैं कि जैसे पानी बढ़ने पर प्रेम रूपी कमल खिलते रहते हैं, वैसे ही जब पानी घटता है, तो कमल मुरझा जाते हैं। इसी प्रकार, जब प्रेम में कमी आती है, तो मन भी मुरझा जाता है, उदास और दुखी हो जाता है।
Question 3:
वेदों और स्मृतियों के अनुसार दुर्बल व्यक्ति के साथ क्या होता है?
Answer:
वेदों और स्मृतियों के अनुसार, दुर्बल व्यक्ति हमेशा दबाया जाता है और उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ज्ञानी लोग भी कहते हैं कि पापी, राजा और रोग, ये तीनों केवल दुर्बल व्यक्तियों को ही दबाते हैं।
III. संसदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए: Bihari ke Dohe
Question 1:
‘कनक-कनक तैं सौगुनौ मादकता अधिकाइ’ – इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
Answer:
प्रसंग: यह पंक्ति बिहारी के प्रसिद्ध दोहे से ली गई है, जिसे संत कवि बिहारी लाल ने रचा है।
व्याख्या: बिहारी ने ‘कनक’ शब्द का अर्थ दो रूपों में किया है। पहला, ‘धतूरा’ – जिसे खाने से मादकता उत्पन्न होती है और दूसरा, ‘सोना’ – जिसे देखकर ही इंसान पागल हो जाता है। दोनों स्थितियों में मादकता का प्रभाव बढ़ जाता है, और इन दोनों को प्राप्त करने पर मनुष्य अपनी मति खो बैठता है।
Question 2:
‘अति अगाधु, अति औथरौ, नदी, कूप, सरु, बाइ’ – इस पंक्ति का क्या संदेश है?
Answer:
प्रसंग: यह पंक्ति भी बिहारी के दोहे से ली गई है, जिसे संत कवि बिहारी लाल ने लिखा है।
व्याख्या: बिहारी इस दोहे में सागर की गहराई और विशालता की तुलना में अन्य जलाशयों को छोटा और उथला बताते हैं। वह कहते हैं कि नदी, कूप, और सरोवर जैसे जलाशय समंदर के मुकाबले छोटे होते हैं, लेकिन सभी की प्यास वही सागर बुझाता है। इस प्रकार, सागर का महत्व अधिक है क्योंकि वह सभी की प्यास बुझाता है।
बिहारी के दोहे [ Bihari ke Dohe ]
Summary
1. सोना और स्त्री के प्रति आकर्षण:
बिहारी कहते हैं कि सोने का लोभ और स्त्री के प्रति आकर्षण दोनों ही आदमी को पागल बना देते हैं, चाहे वह इन्हें पा चुका हो या नहीं। ये दोनों ही चीजें हमेशा आदमी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
2. ध्यान और पूजा का महत्व:
बिहारी कहते हैं कि यदि दिल में भगवान नहीं हैं और मन इधर-उधर भटक रहा है, तो माथे पर तिलक लगाना और घंटों मंदिर में बैठना व्यर्थ है। असली पूजा तो सच्चे मन से होती है, न कि दिखावे के रूप में।
3. कृष्ण के रूप का वर्णन:
बिहारी कृष्ण के रूप का सुंदर वर्णन करते हुए कहते हैं कि कृष्ण की बाँसुरी हरी है, वह पीला वस्त्र पहनते हैं, और उनके होंठ लाल रंग के होते हैं। इन तीनों का मिलाजुला रूप इंद्रधनुष का आभास कराता है।
4. समंदर और छोटे जलाशयों की तुलना:
बिहारी इस दोहे में कहते हैं कि समुद्र बहुत गहरा और विशाल है, लेकिन वह किसी की प्यास नहीं बुझा सकता। इसके विपरीत, छोटे जलाशय जैसे तालाब, कुएं और नदियाँ सबकी प्यास बुझा देते हैं। इसी तरह, छोटे लेकिन जरूरी चीजें जीवन में अधिक महत्वपूर्ण होती हैं।
5. प्रेमी के मन की गहराई:
बिहारी कहते हैं कि प्रेमी के मन की गहराई को कभी भी समझा नहीं जा सकता। जैसे शाम के समय आकाश का रंग गहरा लाल हो जाता है, वैसे ही प्रेम में डूबा हुआ व्यक्ति और भी गहरा होता जाता है।
6. सम्पत्ति और सुख:
बिहारी कहते हैं कि जैसे पानी की अधिकता से कमल खिलते हैं, वैसे ही धन और सम्पत्ति की अधिकता से लोग खुश होते हैं। इसके बिना, जैसे पानी के बिना कमल मुरझा जाते हैं, वैसे ही लोग भी दुखी और उदास हो जाते हैं।
7. सौंदर्य और व्यक्ति की मानसिकता:
बिहारी कहते हैं कि कोई भी वस्तु या व्यक्ति स्वभाव से सुंदर या कुरूप नहीं होता। यह सब मनुष्य की मानसिकता और उसकी आवश्यकता पर निर्भर करता है। जिस व्यक्ति या वस्तु में मन को रुचि होती है, वही सुंदर लगता है।
8. दुरबलता और उनका शोषण:
बिहारी के अनुसार, वेद, शास्त्र और संतगुरु यह सिखाते हैं कि पापी, राजा और रोग केवल कमजोर और दुरबल व्यक्तियों को दबाते हैं। इसलिए हमें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहना चाहिए ताकि इन चीजों का प्रभाव हम पर न हो।