1st PUC Hindi Question and Answer Karnataka State Board Syllabus
1st PUC Hindi Chapter 4 Binda
Binda (बिन्दा)
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I.एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :
Question 1.
महादेवी वर्मा की बाल्या सखी का नाम लिखिए।
Answer:
बिन्दा महादेनी वर्मा जी बाल्य सखी का नाम था।
Question 2.
महादेवी वर्मा को किस का अनुभव बहुत संक्षिप्त था।
Answer:
महादेनी वर्मा को संसार का अनुभव बहुत संक्षिप्त था।
Question 3.
पंडिताइन चाची के अलंकार उन्हे किस की समानता दे देते थे?
Answer:
पंडिताइन चाची के अलंकार उन्हे गुडिया .जी समानता दे देते थे।
Question 4.
बिन्दा का काम लेखिका को किस के तमाशे जैसा लगता था?
Answer:
बिन्दा का काम लेखिका को बाजिगर के तमाशे जैसा लगता था।
Question 5.
बिन्दा की आँखे लेखिका को किस की याद दिलाती थी?
Answer:
बिन्दा की आँखे लेखिका को पिंजडें में बन्द चिडिया की याद दिलाती थी।
Question 6.
बिन्दा ने तारे गिनते गिनते. एक चमकीने तारे की र उँगली उपकर क्या कहा?
Answer:
बिन्दा ने तारे गिनते गिनते एक चमकीले तारे की ओर उँगली उठाकर कहा कि ‘वह रही मेरी अम्मा’।
Question 7.
महादेवी वर्मा ने रात को अपनी माँ से बहुत अनुनय पूर्वक क्या कहा?
Answer:
महादेनी वर्मा ने रात को अपनी माँ से बहुत अनुनय पूर्वक कहा तुम कभी तारा न बनना।
Question 8.
महादेवी वर्मा किस की न्यायालय से मिलने वाले दण्ड से परिचित हो चुकी थी?
Answer: महादेवी वर्मा ने पंडिताईन चाची के न्यायालय से मिलने वाले दण्ड से परिचित होचुकी थी।
Question 9.
महादेवी वर्मा को किस की पात्तियाँ घुभ रही थी?
Answer:
महादेवी वर्मा को घास की पत्तियाँ चुभ रही थी।
Question 10.
किसने बिन्दा के पैरों पर तिल का तेल लगाया? Answer:
महादेवी वर्मा की माँ ने बिन्दा के पैरों पर तिल का तेल लगाया।
Question 11.
महादेवी वर्मा के लिए कौन. त्रिकाल दर्शी से कम न थी?
Answer:
महादेवी वर्मा के लिए रुकिया निकाल दर्शी से कम न थी।
Question 12.
महादेवी वर्मा का व्याव कैसा रहा?
Answer:
महादेवी वर्मा का व्यक्तित्वम्य और प्रभावशाली रहा।
II.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
Question 1.
महादेवी वर्मा को बिन्दा की याद क्यों आ गई?
Answer:
एक सज्जन बेटी को प्रवेश दिलाने स्कूल आये थे। उसकी कमजोर बेटी डरी हुई थी। उम्र ठीक न बताये जाने के कारण प्रवेश-पत्र लौटा दिया गया था। लेखिका ने सुना कि उन सज्जन की दूसरी पत्नी है, तो अचानक दो युगों से अधिक समय की धूल के नीचे दबी बिन्दा की याद आ जाती है।
Question 2.
महादेवी वर्मा को पंडिताइन चाची का कौन-सा रूप आकर्षित करता था?
Answer:
पंडिताइन चाची जब रंगीन साड़ी में सजकर, लाल स्याही की सिंदूर लगाकर, आँखों में काजल डालकर, चमकीले कर्णफूल, गले की माला, नगदार रंग-बिरंगी चूड़ियाँ और घुघरू वाले बिछुए पहनकर श्रृंगार करती, तो लेखिका महादेवी वर्मा को वह गुड़िया की तरह बहुत अच्छी लगती है। वे अपनी गोरी, मोटी बदन को रंगीन साडी से सजे, चारपाई पर बैठकर फूले हुए गाल, चिपटी नाक, उसकी आँखे नीले काँच के बटन सी चमकती हुई, इस तरह लाल स्थाही सी मोटी लकीर की तरह सिन्दूर, आँखो में काले डोरे के समान लगने वाला काजल, चमकीले कान बालियाँ, गले में माला, रंग – बिरंगी चूड़ियाँ, और धुंधरुदार बिछुए इस तरह महादेवी वर्मा को पंडिताईन चाची बहुत आकर्षित करती हैं।
Question 3.
महादेवी वर्मा कभी – कभी छत पर जाकर देखने पर बिन्दा क्या – क्या करते दिखाई देती थी?
Answer:
महादेवी वर्मा जब कभी छत पर जाकर उस घर की तरफ देखती थी। तब मैली कपड़े पहने हुए बिन्दा आंगन में घूमती फिरती नजर आति। कभी झाडू लगाना, तो कभी पोछा, तो कभी आँगन से कलसी में पानी लाना, तो कभी नयी आम्मा को दूध का कटोरा देना नजर आता। इस तरह बिन्दा का जीवन एक बाजीगर के तमाशा जैसे दिखाई देता था।
Question 4.
बिन्दा पनी नयी अम्मा से किस प्रकार डरती थी?
Answer:
बिन्दा अपनी नयी अम्मा से इस तरह डरती थी कि कही से भी कुछ आहट सी होते ही उसका विचित्र रूप से चौकना और पंडिताईन चाचि यानी बिन्दा अपनी नयी अम्मा की स्वर कान में पड़ते ही उसके सारे शरीर थर – थर काँप उठता था। इस के विपरीत उसे भय में बदल देता था।
Question 5.
महादेवी वर्मा ने दोपहर के समय सबकी आँख बचाकर बिन्दा के घर पहुंचने पर क्या देखा?
Answer:
एक दिन दोपहर को मै सब की आँख बचाकर बिन्दा के घर पहूँची। नीचे के सुनसान खण्ड में बिन्दा अकेली एक खाट पर पड़ी थी। आँखे अंदर घुस गयी थी, चेहरे पर दानों से भर कर न जाने अजीब सा होगया था। और मैली सी चादर के नी छिपा शरीर अलग ही जान पड़ता था। उस अकेली बिन्दा के पास खडी मै चकित होकर चारो ओर देखा। शायद इस शीतल रोग के डर से उस की नयी अम्मा अपने बेटे के साथ ऊपर की महडी पर रहती है। सुबह – शाम बरूनी आकर उसका काम कर जाती हैं।
Question 6.
बिन्दा के घर के सामने भीड देखकर लेखिका के मन में क्या विचार आने लगा?
Answer:
एक दिन महादेवी वर्मा खिडकी से झाँककर देखा तो बिन्दा के दरवाजे पर जमा हुए आदमियों के अतिरिक्त कुछ और दिखाई नही दे रही थी। इस प्रकार की भीड विवाह, बारात में ही देखने को मिलता हैं जो बचपन में महादेवी वर्मा जानती थी। तो उस घर में किस की विवाह हो रहा हैं? बिन्दा के पिताजी पंडित का विवाह तो तब होगा, जब दूसरी पंडिवाइन मर कर तारा बन जाएगी, और मोहन अभी नन्हा बच्चा है, तो क्या बिन्दा विवाह हो रहा हैं? तो मुझे बुलाया नही।अब मै भी बिन्दा को किसी भी शुभ कार्य में न बुलाने को प्रण ली। इस तरह की विचार आने लगे।
iii. निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहा।
Question 1.
क्या पंडिताईन चाची तुम्हारी तरह नहीं हैं?
Answer:
इस वाक्य को महादेवी वर्मा ने कहा। महादेवी वर्मा अपनी माँ से कहा।
Question 2.
वह रही मेरी अम्मा ।
Answer:
इस वाक्य को बिन्दा ने कहा। बिन्दा, तारों की और उंगली दिखाकर महादेवी वर्मा से कहा।
Question 3.
तुम कभी तारा न बनना, चाहे भगवान कितना. ही
Answer:
चमकीला तार बनावे। इस वाक्य को महादेवी वर्मा ने कहा। महादेवी वर्मा अपनी माँ से कहा।
vi.संदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए।
Question 1.
‘उठती है या आऊँ’, ‘बैल के-से दीदे क्या निकाल रही है’, ‘मोहन का दूध कब गर्म होगा’, ‘अभागी मरती भी नहीं’ आदि।
Answer:
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘बिन्दा’ नामक पाठ से लिया गया है जिसकी लेखिका महादेवी वर्मा हैं।
संदर्भ : पंडिताइन चाची यह शब्द बिन्दा को सुनाते हुए कहती हैं। इन वाक्यों में कठोरता की धारा बहती है।
स्पष्टीकरण : जब सर्दी के दिनों में लेखिका को देरी से उठाया जाता, गरम पानी से हाथ-मुँह धुलाये जाते, जूते और ऊनी कपड़े पहनाये जाते, जबरदस्ती गरम दूध पिलाया जाता, तब पड़ोस के घर में पंडिताइन चाची की आवाज कठोर शब्दों में सुनाई देती – अभागी तू अभी उठी नहीं? …… जल्दी से जाकर दूध ला ….. अभागी मर भी नहीं जाती।
Question 2. ‘
तुम नयी अम्मा को पुरानी अम्मा क्यों नहीं कहती, फिर वे न नयी रहेगी और न डाँटेंगी।’
Answer:
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘बिन्दा’ नामक पाठ से लिया गया है जिसकी लेखिका महादेवी वर्मा हैं।
संदर्भ : जब बिन्दा महादेवी वर्मा को बताती है कि तारा बनकर मेरी माँ ऊपर से देखती रहती है और जो सजधज कर घर में आयी है वह नयी अम्मा है। तभी यह वाक्य महादेवी वर्मा अपनी सहेली बिन्दा से कहती है।
स्पष्टीकरण : बिन्दा की सौतेली माँ का उस पर अत्याचार होते देखकर लेखिका को बहुत दुख होता है। उनके बालसुलभ मन में यह बात बैठ जाती है कि जिस अम्मा को ईश्वर बुला लेता है, वह तारा बनकर ऊपर से बच्चों को देखती रहती है और जो बहुत सजधज से घर में आती है, वह बिन्दा की नयी अम्मा जैसी होती है। लेखिका की बुद्धि सहज ही पराजय स्वीकार करना नहीं जानती। इसी से उन्होंने सोचकर कहा कि यदि बिन्दा अपनी नयी अम्मा को पुरानी अम्मा कहेगी तो फिर वे नयी नहीं रहेगी और न डाँटेगी।
Question 3.
…. पंडिताइन चाची के न्यायविधान में न क्षमा का स्थान था, न अपील का अधिकार।
Answer:
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘बिन्दा’ नामक पाठ से लिया गया है जिसकी लेखिका महादेवी वर्मा हैं।
संदर्भ : नयी अम्मा अर्थात् पंडिताइन चाची के दिल में न दया थी और न क्षमा। वह बिन्दा को साधारण सी गलती पर भी उसे कठोर से कठोर दण्ड देती थी।
स्पष्टीकरण : एक दिन दूध गर्म करते समय दूध उफन कर बाहर निकलने लगा। तब बिन्दा उसे उतारने की कोशिश करने लगी पर वह दूध उसके पैरो पर गिर गया और पैर जल गया। लेकिन माँ के पास जाने की बजाय वह छुपना चाहती थी। वह अपनी सहेली के घर की कोठरी में छुप जाती है। तभी उन्हें पण्डिताइन चाची की उग्र आवाज सुनाई देती है। लेखिका की माँ बिन्दा के जले पैरों पर तिल का तेल लगाती है, और उसे उसके घर भिजवा देती है। पर चाची उसके प्रति सहानुभूति न दर्शाते हुए सेवा करने के बजाय कठोर शब्दों से डाटना, मारना शुरु करती है। इससे यही लगता है कि पंडिताइन चाची के न्यायविधान में न क्षमा का स्थान था, न अपील का अधिकार।
v.कोष्टक मे दिए गए कारक चिन्हों से रिक्त स्थान भरिए।
1. बिन्दा…. समस्या का समाधान न हो सका।
2. बिन्दा… मेरा उपाय कुछ अँचा नही।
3. उसके घर जाने… माँ ने मुझे रोक दिया था।
4. चुन्हे … चढ़ाय दूध उफना जा रहा था।
Answer:
1. की
2. को
3. से
4. पर
vi. अन्य लिंग रूप लिखिए।
1. भिखारिन – भिखारि
2. पंडिताइन – पंडित
3. लेखिक – लेखक
4. बैल – गाय
5. चाची – चाचा
6. नाना – नानी
7. दादी – दादा
8. विद्यार्थिनि – विद्यार्थि
9. बालिका – बालक
vii. अन्य वचन रूप लिखिए।
1. बचा – बच्चे
2. कोठरी – कोठरीयाँ
3. सीढी – सीढीयाँ
4. मुद्रा – मुद्राएँ
5. पंख – पंखे
6. दरवाजे – दरवाजा
7. उँगली – उँगलीयाँ
viii. विलोम शब्द लिखिए।
1. दुर्बल x सबल
2. स्पष्ट x अस्पष्ट
3. ज्ञात x अज्ञात
4. मृत्यु x जीवन
5. स्वर्ग x नर्क
6. पुण्य x पाप
7. सुन्दर x कुरूप
8. न्याय x अन्याय
9. पराजय x जय
10. स्वाभाविक x अस्वाभाविक
11. उपर x नीचे
Binda Summary (बिन्दा)
महादेवी वर्मा न केवल एक उत्कृष्ट कवयित्री थीं, बल्कि एक विशिष्ट गद्य लेखिका भी थीं। उन्होंने अपने रेखाचित्रों में संस्मरण की शैली को भी खूबसूरती से पिरोया है। उनके “बिन्दा” रेखाचित्र में उन्होंने अपने बचपन की सखी बिन्दा की दर्दभरी कहानी को मार्मिकता से चित्रित किया है।
बिन्दा, लेखिका की बचपन की सहेली थी, जिसने अपनी माँ को बचपन में ही खो दिया था और उसके बाद उसका पालन-पोषण उसकी सौतेली माँ ने किया। उसकी सौतेली माँ, जिसे सब पंडिताइन चाची कहते थे, उसे कठोर अनुशासन में रखती थी। बिन्दा का जीवन सख्त नियमों और बिना किसी आराम के बीतता था, चाहे मौसम कैसा भी हो।
बिन्दा के जीवन में बहुत कठिनाइयाँ थीं। उसे हर समय काम करना पड़ता था, और यदि वह थोड़ी देर के लिए गायब हो जाती, तो पंडिताइन चाची उसे डाँटती और गालियाँ देती। लेखिका, जो बिन्दा की उम्र की ही थी, उसकी पीड़ा को समझ नहीं पाती थी, क्योंकि वह स्वयं आराम से रहती थी और उसकी माँ उसे कभी डाँटती नहीं थी।
एक बार बिन्दा ने एक तारे को देखकर कहा कि वह उसकी माँ है, जो अब आकाश में चमक रही है। इस पर लेखिका ने अपनी माँ से कहा कि वह कभी तारा न बने, बल्कि हमेशा उसके पास ही रहे। बिन्दा को बाद में चेचक हो गया, और उसके माँ-बाप उसे अकेला छोड़कर ऊपरी हिस्से में रहने लगे। कुछ दिनों बाद बिन्दा का निधन हो गया, और लेखिका के मन में उसकी बाल्य-सखी का दर्दभरा चेहरा हमेशा के लिए बस गया।
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