1st PUC Hindi Question and Answer Karnataka State Board Syllabus
1st PUC Hindi Chapter 25
Shamshan
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I. एक शब्द में उत्तर लिखिए :Shamshan
Question 1.
श्मशान मनुष्य से प्यार के बदले क्या पाता है?
Answer:
श्मशान मनुष्य से प्यार के बदले केवल घृणा प्राप्त करता है।
Question 2.
श्मशान किससे बातें कर रहा है?
Answer:
श्मशान खड़ी पहाड़ी से संवाद कर रहा है।
Question 3.
युवक की पहली पत्नी का नाम क्या था?
Answer:
युवक की पहली पत्नी का नाम सुकेशी था।
Question 4.
श्मशान सारे दिन किसके शव की प्रतीक्षा करता रहा?
Answer:
श्मशान पूरे दिन युवक के शव की प्रतीक्षा करता रहा।
Question 5.
श्मशान के मन में वर्षों से किसके प्रेम की अलौकिक धारणा जमी हुई थी?
Answer:
श्मशान के मन में वर्षों से मनुष्य के अलौकिक प्रेम की धारणा जमी हुई थी।
Question 6.
पाँच वर्षों में युवक की कितनी पत्नियाँ मृत्यु को प्राप्त हुईं?
Answer:
पाँच वर्षों में युवक की तीन पत्नियाँ मृत्यु को प्राप्त हुईं।
Question 7.
मनुष्य सबसे अधिक प्रेम किससे करता है?
Answer:
मनुष्य सबसे अधिक प्रेम अपने आप से करता है।
Question 8.
‘श्मशान’ कहानी की लेखिका कौन हैं?
Answer:
‘श्मशान’ कहानी की लेखिका श्रीमती मन्नू भंडारी हैं।
अतिरिक्त प्रश्नः Shamshan
Question 9.
पहाड़ी को क्या दिखाई देता है?
Answer:
पहाड़ी को एक आँख से श्मशान और दूसरी से शहर तथा उसमें रहने वाले इंसान दिखाई देते हैं।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।Shamshan
Question 1:
श्मशान ने आह भरकर पहाड़ी से क्या कहा?
Answer:
श्मशान ने गहरी आह भरते हुए पहाड़ी से कहा कि वह मनुष्य को जितना स्नेह करता है, उतनी ही नफरत उसे मिलती है। लोग हमेशा यह चाहते हैं कि वे उसका मुँह न देखें, जबकि वह उतना भी बुरा नहीं है। जब संसार में किसी को एक दिन के लिए भी जगह नहीं मिलती, तब वह उसे अपनी गोदी में स्थान देता है। वह अमीर और गरीब, वृद्ध और बालक को समान दृष्टि से देखता है, लेकिन उसके पास प्रेम और स्नेह का कोई आशीर्वाद नहीं है। वह यह भी नहीं समझ पाता कि ईश्वर ने उसके साथ ऐसा अन्याय क्यों किया।
Question 2:
मनुष्य के प्रेम के बारे में श्मशान के विचार व्यक्त कीजिए।
Answer:
श्मशान के अनुसार, मनुष्य का प्रेम अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह इसे दिव्य मानता है। वह चाहता है कि मनुष्य अपने दिल में उसके लिए थोड़ी जगह बनाए। श्मशान प्रेम को एक अनमोल निधि मानता है, जिसे उसने कभी पाया नहीं। उसका मानना है कि मनुष्य का प्रेम ही जीवन को संपूर्णता प्रदान करता है, और बिना प्रेम के जीवन व्यर्थ लगता है। उसे ऐसा प्रेममय हृदय पाने के लिए वह अपने जैसे सौ जीवन भी न्योछावर करने को तैयार है।
Question 3:
पहली पत्नी की मृत्यु पर युवक किस प्रकार विलाप करने लगा?
Answer:
युवक अपनी पहली पत्नी की राख को हाथ में लेते हुए दुखित हो गया और बोला, “सुकेशी, तुम मुझे छोड़कर कहाँ चली गई? सिर्फ दो वर्षों में तुम मुझे अकेला छोड़ गई। अब तुम्हारे बिना मेरा जीना असंभव है। तुम मेरे जीवन का हिस्सा थीं, मेरी प्रेरणा थीं। तुम्हारे बिना यह जीवन नीरस और व्यर्थ हो गया है। अब मैं जीने का क्या कारण ढूंढ़ू?” वह इस प्रकार निरंतर रोता रहा, सिर पीटता रहा।
Question 4:
युवक अपनी तीसरी पत्नी की मृत्यु के बाद उसे सबसे अधिक गुणी क्यों मानता है?
Answer:
युवक अपनी तीसरी पत्नी की मृत्यु के बाद उसे पहले और अब के रूप में कोई अंतर महसूस नहीं करता था। वह यह मानने लगा कि उसकी तीसरी पत्नी ही सबसे अधिक गुणी थी। वह यह दावा करने लगा कि उससे ही उसे सच्चा प्रेम था, जबकि पहली दो पत्नियाँ तो बचपने और नासमझी के कारण प्रेम करती थीं। पहली पत्नी उसकी अनुयायी थी, दूसरी उसकी साथी, लेकिन तीसरी पत्नी तो उसकी मार्गदर्शिका थी, जिसके बिना वह एक कदम भी नहीं बढ़ सकता था।
Question 5:
अंततः पहाड़ी ने तरस खाकर श्मशान से क्या कहा?
Answer:
युवक की तीसरी पत्नी के निधन पर उसका विलाप सुनकर श्मशान का हृदय कठोर हो गया, जो पहले मनुष्य के प्रेम की उच्चतम भावना को समझता था। वह इस दृश्य से शोकित हो गया। पहाड़ी ने श्मशान की स्थिति को देखकर उसे सांत्वना दी और कहा, “जो व्यक्ति प्रेम करता है, वह जीवन से भी उतना ही जुड़ा रहता है। प्रेम की यादों और भावनाओं में वह केवल नहीं जीता, बल्कि उसे जीवन की पूर्णता के लिए फिर से प्रेम करना पड़ता है। मनुष्य अपनी जीवन यात्रा में हर वियोग और कष्ट को सहने के लिए तैयार रहता है, क्योंकि वह स्वयं से अधिक प्रेम करता है।”
श्मशान [Shamshan] Summary
Mannu Bhandari एक प्रसिद्ध हिंदी लेखिका हैं। उनकी रचनाओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं का सुंदर वर्णन मिलता है। ‘श्मशान’ बंधारी की एक व्यंग्यपूर्ण कहानी है, जिसमें मनुष्य के स्वार्थी स्वभाव को चित्रित किया गया है। इस कहानी में दो पात्रों – ‘पहाड़’ और ‘श्मशान’ (श्मशान) का अद्वितीय उपयोग किया गया है।
श्मशान वह स्थान है जहां मृत शरीरों को या तो दफनाया जाता है या उनका अंतिम संस्कार किया जाता है। कोई भी व्यक्ति उस स्थान को देखना नहीं चाहता, लेकिन अंततः हर व्यक्ति को एक दिन वहां जाना ही पड़ता है।
एक दिन श्मशान को यह महसूस हुआ कि कोई भी उसे प्यार नहीं करता। वह अपनी भावनाओं को पहाड़ से साझा करता है। पहाड़ श्मशान को सुनता है और मुस्कुराता है। तभी कुछ लोग एक युवा महिला का मृत शरीर कंधों पर लाकर श्मशान में लाते हैं। उस महिला का पति बेतहाशा रो रहा था। महिला के अंतिम संस्कार के बाद सब लोग भारी मन से घर लौट जाते हैं। श्मशान, युवक को रोते हुए देखता है और यह सोचता है कि अब उसे भी किसी को प्यार करना चाहिए। श्मशान युवक के अपनी मृत पत्नी के प्रति प्यार से बहुत प्रभावित होता है। श्मशान को लगता है कि युवक जल्द ही दुःख से मर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता।
तीन साल बाद, फिर से एक युवती का मृत शरीर श्मशान में लाया जाता है। रोते हुए लोगों के साथ वही युवक आता है, जो तीन साल पहले अपनी पहली पत्नी का शव लेकर आया था। श्मशान का दिल पिघल जाता है। युवक ने अपनी दो पत्नियों को खो दिया था। इस बार युवक के आँसुओं की गूंज श्मशान में फैल जाती है। श्मशान भी अपनी उदासी को रोक नहीं पाता। अंतिम संस्कार के बाद युवक घर लौट जाता है। श्मशान को लगता है कि इस बार युवक जरूर दुःख से मर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता।
दो साल और गुजर जाते हैं। युवक की तीसरी पत्नी का मृत शरीर श्मशान में लाया जाता है। युवक का दुःख सीमा पार कर जाता है। श्मशान भी आँसू नहीं रोक पाता। अंतिम संस्कार के बाद युवक घर लौट जाता है और श्मशान हैरान रह जाता है। युवक ने तीन पत्नियाँ खो दीं, फिर भी वह जीवित है। श्मशान को युवक का व्यवहार बहुत अजीब सा लगता है। पहाड़ श्मशान पर हंसते हुए कहता है कि प्रेम एक बहुत ही अजीब चीज़ है। युवक अपनी पत्नी की मृत्यु पर बहुत दुखी था और मरने के लिए तैयार था, लेकिन वह नहीं मरा। युवक को अपनी पत्नी से ज्यादा अपनी जिंदगी से प्यार था। इसलिए तीन पत्नियाँ खोने के बावजूद वह जीवित रहा।
मनुष्य अपनी जिंदगी से ज्यादा कुछ भी नहीं चाहता। कोई भी व्यक्ति मृत्यु को प्यार नहीं करता। हर व्यक्ति अपने आप से प्रेम करता है। पहाड़ की बातों को सुनकर श्मशान को शांति मिल जाती है।
श्मशान [Shamshan]Writer Introduction
श्मशान लेखिका परिचय:
हिन्दी कहानीकार मन्नू भंडारी का जन्म 1931 ई. में मध्य प्रदेश के भानपुरा गाँव में हुआ था। उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और वहीं से एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। नई पीढ़ी की महिला कथाकारों में मन्नू भंडारी का विशिष्ट स्थान है। उनका विवाह प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार श्री राजेन्द्र यादव से हुआ था। उन्होंने अपनी कहानियों में नारी जीवन की समस्याओं को गहरे और मार्मिक तरीके से चित्रित किया है। उनकी लेखन शैली संयत और प्रवाहपूर्ण है, जबकि भाषा सजीव और आडंबरमुक्त है।’
प्रमुख रचनाएँ: कहानी संग्रह – ‘मैं हार गई’, ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर’, ‘यही सच है’, ‘एक प्लेट सैलाब’ आदि।
कहानी का आशय:
‘श्मशान’ में पहाड़ी मनुष्य जीवन के पूर्णता की तलाश में बार-बार प्रेम करता है, और इसके चलते वह हर प्रकार के वियोग को सहन करता है। वह अपनी व्यथा और दुःख को सहन करता है, क्योंकि सबसे अधिक प्रेम वह अपने आप से करता है। इस कहानी के माध्यम से मन्नू भंडारी ने मनुष्य की स्वार्थपरता, सुख की लोलुपता और जीवन की वास्तविकता को व्यंग्यात्मक ढंग से उजागर किया है।