1st PUC Hindi Question and Answer Karnataka State Board Syllabus
1st PUC Hindi Chapter 10 Rehearsal (रिहर्सल)
Rehearsal (रिहर्सल)
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I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :Rehearsal
Question 1.
वैध्य परमानन्द बीमार स्त्री को कितने दिन तक खाना न खाने के लिए कहते हैं?
Answer:
वैध्य परमानन्मद बीमार स्त्री को पन्द्रह (15) दिन तक खाना न खाने के लिए कहते हैं।
Question 2.
किसान किसकी बीमारी के इलाज के लिए वैध्य परमान्द के पास पहुँचता हैं?
Answer:
किसान अपनी बीमार गाय के इलाज के लिए. वैध्य परमान्द के पास पहुँचता हैं।
Question 3.
वैध्य परमानन्द हर बीमारी के लिए कौन सा दवा देते हैं?
Answer:
वैद्य परमानन्द हर बीमारी के लिए अमर भसकर चूर्ण दवा देते हैं।
Question 4.
प्रोफेसर पांडुरंग बीमार स्त्री को कमजोरी दूर करने का क्या उपाय बताते हैं?
Answer:
प्रोफेसर पांडुरंग बीमार स्त्री को हिम्मत से कमजोरी दूर करने का उपाय बताते हैं।
Question 5.
प्रोफेसर पांडुरंग किसान को किसकी फोटो लाने के लिए कहते हैं?
Answer:
प्रोफेसर पांडुरंग किसान को गाय की फोटो लाने के लिए कहते हैं।
Question 6.
प्रोफेसर पांडुरंग किसे यमराज का सगा भी कहते है?
Answer:
प्रोफेसर पांडुरंग वैध्य परमानन्द को यमराज का सगा भाई कहते
Question 7.
प्रोफेसर पांडुरंग लडके को होश में लाने के लिए कैसी कहानियाँ सुनाने की सलाह देते हैं?
Answer:
जो बडेश व्यक्तियों को होश में आने का वर्णन हो, ऐसे कहानिया सुनाने की सलाह प्रोफेसर पांडुरंग देते हैं।
Question 8.
वैध्य परमानंद के अनुसार लडके को क्या हुआ है?
Answer:
वैध्य परमानंद के अनुसार लडके को सन्नीपात हुआ हैं।
Question 9.
बेहोशी का अभिनय किसने किया?
Answer:
लडकी के भाी ने बेहोशी का अभिनय किया।
Question 10.
बेहोश का अभिनय करने वाले लडके का नाम लिखिए।
Answer: बेहोश का अभिनय करने वाले लड़के का नाम है रमेश।
ii. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए। Rehearsal
Question 1.
वैध्य परमानंद बीमार स्त्री का इलिाज किस प्रकार करते हैं?
Answer:
उस स्त्री को दिल धडकने बिमारी है वह वैध्य परमानंद से इस बिमारी का इलाज चाहती हैं। वैध्य परमानंद जी कहते है यह अमर भास्कर लेजाएि। इस तरह से खाइये कि पेट में न जाकर सीधा हृदय में जाये। और परहेज के बारे में बताते हुए कहते है, आप पन्द्रह दिन तक खाना मत काइए और ठंडा पानी मत पीजिए, उबलकर पानी पीजिए इस प्रकार उस बीमार स्त्री का इलाज करते हैं।
Question 2.
वैध्य परमानंद गाय की बीमारी दूर करने का क्या उपाय बताते हैं?
Answer:
वैध्य परमानंद गाय की बीमारी दूर करने का इस प्रकार उपाय बताते है – पहले गाय को उसी का दूध निकलकर पिलाने को कहते हैं। किसान कहता है गाय दूध नही तेदी, तो परमानंद जी कहते है, यह अमर भास्कर चूर्ण ले जाओं, गर्म पानी के साथ खिलाओ और तुम भी खालेना दोने के लाभ होगा सि तरह उपाय बताते हैं।
Question 3.
प्रोफेसर पांडुरंग बीमार स्त्री का इलाज किस ढंग से करते हैं?
Answer:
उस स्त्री की बीमारी है दिल का धडकना, प्रोफसर कहते है दिल का धडकना कमजोरी है, इस कमजोरी को हिम्मत से दूर करने की सलाह देते हैं। प्रोफेसर उस स्त्री को आंखे बंद कर करे खयालों में जंगल में जाने कि सलाह देते हैं। कहते है उस स्त्री को कि आप जंगल होने जा महसूस करे, सब तरफ सन्नटा है, शेर आपको देखकर दहाडता हुआ आपकी ओर बढ़ रहा है, और आप शेर से लडिए, मै आपको जिताऊँगा। प्रोफेसर उस स्त्री से कहते कि उसके मुँह में हाथ डालकर उसके दाँत तोड दीजिए। ।
इसी तरह तूफानी समुद्र में कूदिए, दुर्गम पहाडो पर चाढए, चम्बल की. घटी में डालुओं का सामना कीजिए। आप का दिल लोडेहे की तरह मजबूत हो जाएगा और फिर कहते कि आप रानी लक्ष्मीबाई की तरह लडाई करे। इस तरह अजीब – अजीव ढंग इलिाज करते हैं।
Question 4.
वैध्य और प्रोफेसर के आमने – सामने आने के बाद का दृश्य प्रस्तुत कीजिए।
Answer:
अध्यापक का घर है। बारह वर्षीय लडका खाट पर बेहोश पड़ा हैं। वैध्य परमानंद बैट हुए है, थोड़ी देर के बाद प्रोफेसर साहब भी आते है और आगे बढ़कर परमानंद की ओर देखते हुये कहते है – वैध्य परमानंद!! यमराज का सगा भाई। फिर परमानंद जी कहते और तुम्हारा चाचा प्रोफेसर पांडुरंग तुम वात – पित्त कफा की तरह एक साथ क्यो चले आये? तो प्रोफेसर कहते है कि इसलिए कि तुम रोगी जी नब्ज पकडकर उसकी जान न लेले।
फिर प्रोफेसर कहते मुझे उस लडके का चेहरा देखना है इस के साथ ही परमानंद कहते है कि चेहरा देखकर सिकी तस्वीर बनाओगे? उन्हे चुप रहने के लिए कहते प्रोफेसर, तो परमानंद चुप रहने को तैयार नही है इस तरह दोनो के बीच उटपटांग बातें चलती रहती हैं। लडका चद्दर फोक्कर उठता है, सब चौंक पड़ते हैं। उस लड़के का नाम है रमेश, बेहाशी का नाटक कर रहा था. उस के स्कूल में. नाटक होने जारहा हैं। उस में दो घंटे की बेडोसी का अभिनय करना हैं। इस लिए वह रिहर्सल कर रहा था। आदि इस तरह का दृश्य चल रहा था।
Question 5.
रमेश ने बेडोशी का अभिनय क्यों किया?
Answer:
क्योंकि उस के स्कूल में परसों एक नाटक होने जा रहा हैं। रमेशा को उस में दो घंटे की बेडोशी का अभिनय करना हैं। उसकी रिहर्सल कर रहा था। इस लिए रमेश ने बेहोशी का अभिनय किया।
Question 6.
वैध्य परमानंद का चरि चित्रण कीजिए।
Answer:
वैध्य परमानंद जी हास्य – व्यंग्य व्यक्ति हैं। वैध्य परमानंद अननोखे ढंग से भरीजो का इलाज करते हैं। अपने पास आये हुए हर रोगी को अभर भास्कर चूर्णा खाने के लिए देते हैं। जानवर के हो, या इनसान के लिए, वही अमर भास्कर चूर्ण। वैध्य जी कुर्सी पर बैठे हैं। भेज पर कलमे, दवान व कागज विखडे पडे रहते हैं। वे हमेशा एक पुसानी एक मोटी पुस्तक पढ़ते रहते हैं। उनकी उम्र कुछ पचास वर्ष। आँखे पर चरमा, लम्बी दाडी, छुर्शीदार मूंछे है, इस प्रकार परमानंद का चर्चाि का चित्रण हैं।
Question 7.
प्रोफेसर पांडुरंग का चरित्र – चित्रण कीजिए।
Answer:
प्रोफेसर पाडुरंग वैध्यं परमानंद जी के तरह ही अनोखे ढंगा से ही मरीजो का लिाज करते हैं। यह भी हास्य – व्यंग्य व्यक्ति हैं। इनका भी अपना एक कमरा हैं। सापने मेज पर तीन पुस्तके बिखरे पडई इनका उम्र ब्यालीस वर्ष। दाडी पँचकट हैं, मूंछे राफ हैं, आँखो पर मोटे स का काला चश्मा हैं। काला सूट, काली टाई पहने हैं। इस प्रकार प्रोफेस: गांडुरंग का चर्रि का चित्रण
iii. निम्नलिखित वाक्य किसने किस I Rehearsal
Question 1.
परहेज ही तो असली इलाज हैं!
Answer:
इस वाक्य को वैध्य परमानंद कहते हैं। माना स्त्री से कहते हैं।
Question 2.
तुम भी खालेना, गाय को भी खिला देना।
Answer:
इस वाक्य को वैध्य परमानंद कहते हैं। परमानंद जी किसान को कहते
Question 3.
नही, कई बेटे अपने बाप से भी बड़े हो जाते हैं।
Answer:
इस वाक्य को परमानंद कहते हैं। परमानंद अध्यापक से कहते हैं।
Question 4.
ठीक तो होजाएगा, पर होश में नही आगया।
Answer:
सि वाक्य को वैध्य परमानंद कहते हैं। परमानंद जी बेहोश लडके की मां से कहते हैं।
Question 5.
तुझे क्या होगया था मेरे लाडले।
Answer:
इस वाक्य को रमेश माँ कहती हैं। लडके माँ अपने बेटे रमेश से कहती हैं।
iv. ससंदभज्ञ स्पष्टीकरण कीजिए। Rehearsal
Question 1.
मरना तो की नही चाहता, लेकिन मैने अपने रोगियों को अकसर मरते देखा हैं।
Answer:
संदर्भ – प्रस्तुत वाक्य को ‘रिहर्सल’ इस पाठ से लिया गया हैं। लेखक है – ओमप्रकाश ‘आदित्य’ स्पष्टीकरण – एक दिन एक अघोड उम्र की मॉडर्न ढंग से सजी स्त्री आती है, और उसे दिल धडकने की बिमारी हैं। कहती है वैध्य जी मेरी रक्षा कीजिए, मै अभी मरना नहीं चाहती। तो परमानंद जी उस स्त्री का नब्ज पकडते हुए कहते है, मरना तो को हि नही चाहता, लेकनि मैन अपने रोगियो को अक्सर मरने हुए देखा हैं। इस तरह कहते हैं।
Question 2.
हृदय को गुण ही धडकना हैं।
Answer:
संदर्भ – प्रस्तुत वाक्य को ‘रिहर्सल’ सि पाठ से लिया गया हैं। लेखक है – ओम प्रकाश आदित्य। स्पष्टीकरण – वही स्त्री जो परमानंद जी यहाँ आी थी, वह प्रोफेसर यँहा भी आी हैं। दिल धडकने की बीमारी के बारे में बताती हैं। तो हास्य – व्यंग्य स्वभाव के प्रोफेसर कहते है,इस मे नयी बात क्या हैं? हृदयका गुम ही धड़कना । इस तरह कहते हैं।
Question 3.
मुझे हर है कि कही यहाँ बैठ – बैठे मेरा दिन ढड़कना बंद
Answer:
संदर्भ .. प्रस्तुत वाक्य को ‘रिहर्सल’ पाठ से लिया गया हैं। लेखक है – ओमप्रकाश आदित्य। स्पष्टीकरण – वह स्त्री दिल धडकने की बीमारी के बारे में बताती हैं। तो प्रोफेसर इस तरह सलह देते है कि आपके दिल की कमजोरी ही, बीमारी है। हर बताते है कि आप आँखे बंद कर के महसूस कीजिए कि आप जंगल में हैं। और शेर के साथ लडिए और उसे मार दीजिए । इस तरह अकसाते है, तो, स्त्री कहती है ..दरंग जी मुझे डर है कि कही यहाँ बैठे – बैठे मेरा दिल धडकना बंद न ।
Question 4.
इसे भूम गया है कि यह बेहोश हैं।
Answer:
संदर्भ – प्रस्तुत वाक्य को रिहर्सल पाठ से लिया गया है। लेखक है – ओमप्रकाश आदित्य। स्पष्टीकरण – स्कूल में एक नाटक होने जा रहा हैं। रमेश जो बेहोश होने का नाटकाना : म नाटक का रिहर्सल कर रहा था। लेकिन रात के कारण, उहने है, इसे भ्र.: रहा हैं। असल यह देश में हैं इस तरह।
Question 5.
सन्निपात है वैध्य परमानंद को और स्नायुरोग है प्रोफेसर है प्रोफेसर को।
Answer:
संदर्भ – प्रस्तुत वाक्य को रिहर्सल पाठ से लिया गया हैं। लेखक है ओमप्रकाश आदित्य। स्पष्टीकरण – रमेश अपने स्कूल में होने जारही क नाटक के रिहर्सल कर रहा था। दो घंटे तक बेहोशी का रिहर्सल कर रहा होता है, तो सभी सच समझतेहै कि रमेश सच बेहोश होगया हैं। वैध्य परमानंद कहते है, इस लडके कोश्निपात है, और स्नायु रोग है प्रोफेसर कहते है, उतने में लडका उठता है और कहता है, सन्निपात है वैध्य परमानंद को और स्नायुरोग है प्रोफेसर पांडुरंग को। में पूरी तरह होश में हूँ।
v. अन्य लिंग पर लिखिए। Rehearsal
1. हाथी – हाथनी
2. शेर – शेरनी
3. लड़का – लडकी
4. गाय – बैला
5. पिता – माता
6. अध्यापक – अध्यापिका
7. भगवान – भगवति
vi. अन्य वचन रूप लिखिए। Rehearsal
1. दुकान – दुकाने
2. घंटा – घंटाएँ
3. किताब – किताबे
4. मूंछ – मूंछे
5. मुद्रा – मुद्राएँ
6. सपन – सपनें
vi. विलोम शब्द लिखिए। Rehearsal
1. बेहोश x होश
2. मोटा x दुबला
3. मौत x जीवन
4. शीघ्र x धीरे
5. छोटा x बडा
Rehearsal Summary
“रिहर्सल,” एक कहानी है जो जीवन के विविध पहलुओं को दर्शाती है। यह कहानी मुख्य रूप से नाटक और रंगमंच की दुनिया के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन इसके माध्यम से जीवन की वास्तविकताओं और मानवीय भावनाओं की गहराइयों को उजागर किया गया है।
इस अध्याय में, लेखक ने नाटक की तैयारी के दौरान होने वाली विभिन्न चुनौतियों, संघर्षों, और मानवीय संवेदनाओं को दर्शाया है। नाटक के पात्र और कलाकार अपनी भूमिकाओं में पूरी तरह से डूबे हुए हैं, और वे अपनी कला के प्रति समर्पित हैं। रिहर्सल के दौरान, कलाकार अपने पात्रों को जीवंत बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, और इसी प्रक्रिया में वे अपने व्यक्तित्व की गहराइयों को भी जानने लगते हैं।
कहानी में यह दिखाया गया है कि कैसे नाटक की रिहर्सल जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक बन जाती है। जैसे-जैसे रिहर्सल आगे बढ़ती है, पात्र और कलाकार अपनी वास्तविक ज़िंदगी और अपनी भूमिकाओं के बीच के अंतर को समझने लगते हैं। इस दौरान, वे अपने व्यक्तिगत जीवन की चुनौतियों और संघर्षों का सामना करते हैं, और यह अनुभव उनके कला में भी परिलक्षित होता है।
अंततः, “रिहर्सल” केवल एक नाटक की तैयारी की कहानी नहीं है, बल्कि यह जीवन की उस यात्रा का प्रतीक है, जहाँ इंसान निरंतर अपनी भूमिका को समझने और निभाने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में, वह खुद को और अपने जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने और समझने की कोशिश करता है।